कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर : विधानसभा चुनाव से पहले सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पगार और पेंशन का इंतजाम
राज्य मुख्यालय। अखिलेश सरकार विधानसभा चुनाव में जाने से पहले 18 लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पगार का इंतजाम करेगी। पांच लाख कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाने का भी इंतजाम होगा। इसके लिए खजाने का मुंह खोलने की तैयारी है। आयोग की सिफारिशों को केंद्र की तरह यूपी में लागू करने को बजट में भारी रकम का बंदोबस्त होगा।
सूत्रों के मुताबिक 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अमल के लिए वेतन व पेंशन मद में फिलहाल 15% से ज्यादा की बढ़ोतरी बजट में की जा रही है। इसका मतलब सभी विभागों को अपने यहां इस मद में इतनी बढ़ोतरी करानी है।
इससे सरकार के खजाने पर खासा बोझ पड़ना तय है। मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अंदाजा लगाया है कि इन नई सिफारिशों को लागू करने पर करीब 25 हजार करोड़ का खर्च अतिरिक्त करना पड़ेगा।
सरकार के लिए मुश्किल यह भी है कि इसी साल के बजट में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में वेतन बढ़ोतरी में 10% का अनुमान लगाया था पर आयोग की ताजा सिफारिशें तो 23 प्रतिशत से ज्यादा तक बढ़ोतरी की हैं। चूंकि यूपी सरकार की वेतन आयोग की सिफारिशों के मामले में केंद्र सरकार के साथ प्रतिबद्धता है।
इसलिए केंद्र सरकार जब इन सिफारिशों को अपने यहां लागू करने के लिए अधिसूचना जारी करेगी तब यूपी सरकार को भी एक-दो महीने में इसे लागू करना होगा। अब अगले वर्ष के शुरू में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार कर्मचारियों को खुश करने के लिए यह तोहफा जल्द देना चाहेगी। जितनी देर से यह तोहफा मिलेगा सरकार को उतना ही एरियर देना होगा। यह बढ़ोतरी इस साल जनवरी से ही लागू होनी है ।
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