आयकर से छूट की मौजूदा सीमा सालाना ढाई लाख रुपये को बढ़ाकर, चार लाख रुपये तक की आमदनी को मिले इनकम टैक्स से छूट
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । मध्यम वर्ग को राहत के इरादे से सांसदों ने आयकर से छूट की मौजूदा सीमा सालाना ढाई लाख रुपये को बढ़ाकर चार लाख रुपये करने का सुझाव दिया है। संसद सदस्यों ने सेवा कर से छूट की सीमा भी 10 लाख रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की मांग की है।
सांसदों ने ये सुझाव शुक्रवार को यहां वित्त मंत्रालय संबंधी परामर्श समिति की बैठक में दिए। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में सांसदों ने दो लाख रुपये से अधिक के लेन देन के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता की सीमा को बढ़ाकर भी पांच लाख रुपये करने का सुझाव दिया।
सदस्यों ने कहा कि सरकार को आयकर से छूट की मौजूदा सीमा सालाना ढाई लाख रुपये को बढ़ाकर चार लाख रुपये करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग कर चोरी करते हैं उनको कठोर सजा मिलनी चाहिए। सदस्यों ने अतार्किक ढंग से आयकर की अत्यधिक मांग भेजने वाले कर अधिकारियों की जवाबदेही तय करने का सुझाव भी दिया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अगले वित्त वर्ष में सातवें वेतन आयोग, वन रैंक वन पेंशन को लागू करने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि इतनी विशाल धनराशि खर्च करने के बावजूद भी सरकार राजकोषीय घाटे को काबू रखने में कामयाब रहेगी।
वित्त मंत्रालय ने यह बैठक आम बजट 2016-17 के बारे में सांसदों के सुझाव लेने के लिए बुलाई थी। वित्त मंत्री ने सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि मुद्रा योजना के तहत अब तक दो करोड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को वित्त मुहैया कराया चुका है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत विश्र्व में सर्वाधिक तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है लेकिन अब भी विकास दर को और ऊपर ले जाने की गुंजाइश है।
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