स्टेट एजुकेशनल ट्रिब्युनल के गठन के लिए तैयार किए गए मसौदे पर न्याय विभाग ने फंसाया पेंच : अपील खारिज होने पर ही हाईकोर्ट में जाने संबंधी नियम पर एतराज
लखनऊ। सूबे में एजुकेशनल ट्रिब्युनल के गठन के लिए तैयार किए गए मसौदे पर शासन के न्याय विभाग ने एक आपत्ति लगा दी है। कहा, अपील खारिज होने पर ही हाईकोर्ट में जाने संबंधी नियम पर पुनर्विचार किया जाए। हालांकि, मसौदा तैयार करने वाला माध्यमिक शिक्षा विभाग अपने पक्ष को सही बता रहा है। इस बारे में प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने कहा कि न्याय विभाग के लिए जवाब तैयार करवाया जा रहा है। जल्दी ही इसे भिजवा दिया जाएगा।
सूबे में बेसिक व सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों के सेवा संबंधी विवादों को निपटारे के लिए स्टेट एजूकेशनल ट्रिब्युनल के गठन का फैसला किया है। दरअसल, बेसिक व माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवा संबंधी तमाम मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। इतना ही नहीं इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इससे अदालतों पर तो भार बढ़ ही रहा है, विभागीय अधिकारियों का भी काफी समय इसमें लग जाता है। फिलवक्त विभाग से सेवा संबंधी मामलों में कोई मतभेद होने पर शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के पास अदालत जाने के सिवाय कोई चारा नहीं होता। इस समस्या से निपटने के लिए ही स्टेट एजूकेशनल ट्रिब्युनल के गठन की योजना बनाई गई।
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