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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

नियमों की अनदेखी कर की तैनाती, अब कर दी छुट्टी : 2013 में चार अनुदेशकों को एक सैकड़ा से कम छात्र संख्या पर मिली थी तैनाती, चालू सत्र में 44 अनुदेशकों की संविदा समाप्त कर दी गई

नियमों की अनदेखी कर की तैनाती, अब कर दी छुट्टी : 2013 में चार अनुदेशकों को एक सैकड़ा से कम छात्र संख्या पर मिली थी तैनाती, चालू सत्र में 44 अनुदेशकों की संविदा समाप्त कर दी गई

सीतापुर। बेसिक विभाग के खेल निराले हैं। एक तो पहले विभाग ने मानक को दरकिनार कर चार अनुदेशकों की नियुक्ति कर दी। ये अनुदेशक दो वर्ष तक नौनिहालों को पढ़ाते रहे। अब नवीनीकरण के समय विभाग को नियमों की याद आई और शासनादेश का हवाला देकर उनकी संविदा समाप्त कर दी। डीएम व बीएसए स्तर से न्याय न मिलने पर हलकान अनुदेशकों ने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। यह मामला वर्ष 2013 का है।

यहां क्लिक कर देखें - दिनांक 05 फरवरी 2016 की बैठक हेतु अंशकालिक अनुदेशकों के सम्बन्ध में निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में आदेश/निर्देश जारी ।

मालूम हो कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में लागू हुआ है। इस अधिनियम के तहत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की व्यवस्था के लिए छात्रों की संख्या पर शिक्षकों के मानक तय किए गए थे। 100 से अधिक छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कला शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा व कार्य शिक्षा के अंशकालिक अनुदेशकों को रखने का प्रावधान है। इसके तहत जिले में 2013 में अनुदेशकों की संविदा के आधार पर तैनाती की गई थी। लेकिन विभागीय अफसरों ने सौ छात्र संख्या वाले मानक में जमकर खेल कर दिया। जहां पर कम छात्र संख्या थी। वहां पर अनुदेशक तैनात कर दिए। खैराबाद विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय कोलिया में गीतू गुप्ता की तैनाती कर दी। जबकि उस समय स्कूल में छात्र संख्या केवल 70 थी। गीतू दो वर्षों से पढ़ाती आ रही हैं। शासन से बाकायदा मानदेय भी मिल रहा था। इसी प्रकार कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय महमूदाबाद में कृतार्थ मिश्रा, अभिषेक तिवारी व रेखा देवी की तैनाती हुई थी। यहां पर भी छात्र संख्या 57 थी। जबकि संविदा पर नियुक्ति होने के कारण इन अनुदेशकों का प्रतिवर्ष छात्र संख्या के आधार पर नवीनीकरण किया जाता है। शैक्षिक सत्र 2015-16 में इनका नवीनीकरण हुआ।

अनुदेशकों ने जिलाधिकारी व बीएसए को प्रार्थना पत्र देकर इस मामले में कार्रवाई करने की गुहार लगाई, लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तो अनुदेशकों ने आत्महत्या करने की चेतावनी दी है।

जांचकर होगी कार्रवाई

उस समय मेरी तैनाती नहीं थी। न ही मेरे संज्ञान में ऐसा आया है। अगर ऐसा कहीं पर है तो उसको नियमानुसार देखा जाएगा। कार्रवाई की जाएगी। वहीं निकाले गए 44 अनुदेशकों के संबंध में डीएम ने कुछ बिदुंओं पर जानकारी मांगी थी। उसको भेज दिया गया है। उम्मीद है जल्द ही इस पर निर्णय हो जाएगा।

-संजीव सिंह, बीएसए

निकले गए 44 अनुदेशक

चालू सत्र में 44 अनुदेशकों की संविदा समाप्त कर दी गई है। इन अनुदेशकों को छात्र संख्या कम होने का आधार बनाकर हटाया गया है। पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष राहुल सिंह का कहना है कि नवीनीकरण सत्र के शुरूआत में किया जाता है, लेकिन विभाग ने नवंबर व दिसंबर में नवीनीकरण कराकर संविदा समाप्त कर दी। इस दौरान चालू सत्र में अप्रैल से नवंबर तक अनुदेशक पढ़ाते रहे। बीच में निकालने का क्या औचित्य है। वहीं नियमों की अनदेखी करके खूब घालमेल किया गया। अब विभाग से शिकायत की तो कोई सुनने को तैयार नहीं है।

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  1. 📌 नियमों की अनदेखी कर की तैनाती, अब कर दी छुट्टी : 2013 में चार अनुदेशकों को एक सैकड़ा से कम छात्र संख्या पर मिली थी तैनाती, चालू सत्र में 44 अनुदेशकों की संविदा समाप्त कर दी गई
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/02/2013-44.html

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