सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को राहत देते हुए उनके खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि उनको पत्राचार के जरिए बीटीसी करवाई गई है, जो कि नियमों के विरुद्ध है। इससे पहले यह मामला इलाहबाद हाई कोर्ट में उठाया गया था, जिसे हाई कोर्ट ने सुनने से इंकार कर दिया था।
शिक्षामित्रों का मामला : बीटीसी के समकक्ष ट्रेनिंग को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया करते हुए SC ने कहा - हाईकोर्ट में करें अपील
उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक बनाये जाने के लिए बीटीसी के समकक्ष ट्रेनिंग को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है ।
अदालत के इस फैसले के बाद याचिकाकर्ता ने अपील वापस ले ली. दहअसल सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वे इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएं. फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि याचिका में ऐसा कोई तथ्य नहीं है जिस पर नोटिस जारी किया जाए. याचिका में दावा किया गया था कि शिक्षामित्रों को बिना टीईटी पास किए ये ट्रेनिंग दी ही नहीं जा सकती थी ।
क्या है मामला?
दरअसल बिना टीईटी पास किए शिक्षामित्रों की नियुक्ति के विरोध में टीईटी पास कुछ उम्मीदवारों ने याचिका दायर की थी. उनका पक्ष था कि बिना टीईटी पास किए किसी को प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक नियुक्त नहीं किया जा सकता है. लेकिन यूपी सरकार ने 1.72 लाख शिक्षामित्रों को बिना टीईटी के ही विशेष प्रशिक्षण देकर विद्यालयों में सहायक शिक्षक के तौर पर नियुक्ति दे दी थी, जिसे इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मान्यता देने से इंकार कर दिया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें 1.72 लाख शिक्षामित्रों की नियुक्तियों को रद्द करने को कहा गया था ।
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