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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सरकारी स्कूलों में खादी की ड्रेस : स्कूलों में खादी पहनने की आदत होने पर ये बच्च्चे बड़े होकर भी खादी के फैशनेबल कपड़ों को पहनने से नहीं हिचकेंगे।

सरकारी स्कूलों में खादी की ड्रेस : स्कूलों में खादी पहनने की आदत होने पर ये बच्च्चे बड़े होकर भी खादी के फैशनेबल कपड़ों को पहनने से नहीं हिचकेंगे।

नई दिल्ली। आने वाले समय में सरकारी स्कूलों में बच्चे खादी से बनी ड्रेस पहने नजर आ सकते हैं। खादी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार इस योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है। मेक इन इंडिया के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा है।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री कलराज मिश्र ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को लिखे पत्र में कहा है कि स्कूल ड्रेस का बाजार लगभग 18,000 करोड़ रुपये का है और इनमें से एक तिहाई राशि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से सर्व शिक्षा अभियान के तहत दी जाती है। उन्होंने यह भी कहा है कि खादी की खासियत है कि यह सर्दी के मौसम में गर्म रहती है और गर्मी के दौरान ठंडक पहुंचाती है। खादी त्वचा के साथ पर्यावरण के भी अनुकूल है और इसके अलावा भी खादी में कई गुण हैं। मिश्र ने कहा है कि स्कूल में खादी की ड्रेस पहनने से बच्चे गर्व महसूस करेंगे।

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक स्कूलों में खादी की ड्रेस को लागू करने पर टेलरिंग की मांग आएगी और इससे लगभग एक लाख मशीनों की खरीदारी होगी। मशीन की खरीदारी के लिए मुद्रा स्कीम के तहत टेलरिंग करने वालों को कर्ज मुहैया कराया जाएगा। वहीं कौशल विकास कार्यक्रम के तहत टेलरिंग के काम का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मंत्रालय का मानना है कि खादी की ड्रेस का 18,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने पर खादी की मांग में काफी बढ़ोतरी होगी और ग्रामीण महिलाओं की आय में भी बढ़ोतरी होगी। इसकी वजह यह है कि खादी के निर्माण में ग्रामीण महिलाओं की मुख्य भूमिका होती है और इससे उन्हें रोजाना 300 रुपये का काम मिल जाएगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
स्कूलों में खादी पहनने की आदत होने पर ये बच्च्चे बड़े होकर भी खादी के फैशनेबल कपड़ों को पहनने से नहीं हिचकेंगे। खादी बोर्ड एमएसएमई मंत्रालय के अधीन काम करता है।

एयर इंडिया के विमानों में यात्रियों को दिए जाने वाले किट की आपूर्ति खादी बोर्ड की तरफ से करने का फैसला पहले ही किया जा चुका है। मंत्रालय देश के सभी एयरपोर्ट पर भी खादी के स्टोर खोलने पर विचार कर रहा है।


सरकारी स्कूलों में खादी की ड्रेस

राजीव कुमार

नई दिल्ली। आने वाले समय में सरकारी स्कूलों में बच्चे खादी से बनी ड्रेस पहने नजर आ सकते हैं। खादी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार इस योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है। मेक इन इंडिया के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा है।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री कलराज मिश्र ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को लिखे पत्र में कहा है कि स्कूल ड्रेस का बाजार लगभग 18,000 करोड़ रुपये का है और इनमें से एक तिहाई राशि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से सर्व शिक्षा अभियान के तहत दी जाती है। उन्होंने यह भी कहा है कि खादी की खासियत है कि यह सर्दी के मौसम में गर्म रहती है और गर्मी के दौरान ठंडक पहुंचाती है। खादी त्वचा के साथ पर्यावरण के भी अनुकूल है और इसके अलावा भी खादी में कई गुण हैं। मिश्र ने कहा है कि स्कूल में खादी की ड्रेस पहनने से बच्चे गर्व महसूस करेंगे।

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक स्कूलों में खादी की ड्रेस को लागू करने पर टेलरिंग की मांग आएगी और इससे लगभग एक लाख मशीनों की खरीदारी होगी। मशीन की खरीदारी के लिए मुद्रा स्कीम के तहत टेलरिंग करने वालों को कर्ज मुहैया कराया जाएगा। वहीं कौशल विकास कार्यक्रम के तहत टेलरिंग के काम का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मंत्रालय का मानना है कि खादी की ड्रेस का 18,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने पर खादी की मांग में काफी बढ़ोतरी होगी और ग्रामीण महिलाओं की आय में भी बढ़ोतरी होगी। इसकी वजह यह है कि खादी के निर्माण में ग्रामीण महिलाओं की मुख्य भूमिका होती है और इससे उन्हें रोजाना 300 रुपये का काम मिल जाएगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
स्कूलों में खादी पहनने की आदत होने पर ये बच्च्चे बड़े होकर भी खादी के फैशनेबल कपड़ों को पहनने से नहीं हिचकेंगे। खादी बोर्ड एमएसएमई मंत्रालय के अधीन काम करता है।
एयर इंडिया के विमानों में यात्रियों को दिए जाने वाले किट की आपूर्ति खादी बोर्ड की तरफ से करने का फैसला पहले ही किया जा चुका है। मंत्रालय देश के सभी एयरपोर्ट पर भी खादी के स्टोर खोलने पर विचार कर रहा है।

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  1. 📌 सरकारी स्कूलों में खादी की ड्रेस : स्कूलों में खादी पहनने की आदत होने पर ये बच्च्चे बड़े होकर भी खादी के फैशनेबल कपड़ों को पहनने से नहीं हिचकेंगे।
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