दूध वितरण व गुणवत्ता पर नजर रखेंगे 58 शिक्षा अधिकारी : अब होगा दूध का दूध और पानी का पानी
√अब होगा दूध का दूध और पानी का पानी
√दूध वितरण व गुणवत्ता पर नजर रखेंगे 58 शिक्षा अधिकारी
इलाहाबाद । सरकार की सोच थी कि परिषदीय स्कूलों में बच्चे दूध पियेंगे तो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे। व्यवस्था चल ही रही थी तभी खबरें आने लगीं कि कागजों में दूध तो बच्चे पी रहे हैं, लेकिन ‘स्वस्थ’ गुरू जी हो रहे हैं। इस शिकायत पर विभागीय अधिकारियों के कान खड़े हो गए। पड़ताल की तो समझ में आया कि गुरूजी की कृपा से दूध और पानी में दोस्ती हो गई है।
ऐसे में सहायक शिक्षा निदेशक ने निगरानी के लिए मंडल में 58 शिक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और बच्चे स्वस्थ। दूध वितरण में गुणवत्ता को लेकर सवाल तो शुरुआत में ही खड़े हो गए थे, लेकिन इधर मंडल के प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर व इलाहाबाद जनपद के परिषदीय स्कूलों से शिकायत प्राप्त होने लगी कि नियमित रूप से बच्चों को दूध वितरित भी नहीं किया जा रहा है। जहां वितरित भी किया जा रहा है, वहां गुणवत्ता में शिक्षक मिलावट कर रहे हैं।
ऐसे में बच्चे शारीरिक व मानसिक रूप से कैसे स्वस्थ होंगे। पूर योजना को कटघरे में आते देख उच्च अधिकारियों ने गुणवत्ता के प्रति निर्देश तो दिए, लेकिन व्यवस्था पटरी पर आ ही नहीं पा रही थी। ऐसे में इसे गंभीरता से लेते हुए सहायक शिक्षा निदेशक रमेश तिवारी ने मंडल के चारों जनपदों के विभिन्न विकास खंडों में तैनात खंड शिक्षा अधिकारियों को जांच टीम में लगा दिया। निर्देश दिया कि वह विद्यालयों का निरीक्षण कर अपनी-अपनी रिपोर्ट बीएसए व मंडल कार्यालय को मेल पर भेजेंगे।
इस रिपोर्ट के आधार पर दोषी प्रधानाध्यापक के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई के लिए बीएसए को पत्र लिखा जाएगा। इसके अलावा मंडलीय समीक्षा के दौरान बीएसए अपने अपने जनपद की प्रगति आख्या प्रस्तुत करेंगे। मिड-डे-मील मंडल समन्वयक सुनीत पांडेय के मुताबिक बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
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