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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

3500 उर्दू शिक्षकों की भर्ती का मामला : दो पत्नी वालों को आवेदन से रोक का विरोध

3500 उर्दू शिक्षकों की भर्ती का मामला : दो पत्नी वालों को आवेदन से रोक का विरोध

लखनऊ : प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में हो रही उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति में एक से ज्यादा शादियां करने वालों को अयोग्य ठहराए जाने का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध किया है। बोर्ड ने इसे शरई अधिकारों का हनन बताया है। बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा है कि मुसलमानों के लिए चार शादियां करना जायज है। ऐसे में एक से ज्यादा बीवियां रखने वाले लोगों को भर्ती के लिए आवेदन करने से वंचित करना उनके शरई हक छीनने जैसा है।

प्राइमरी स्कूलों में 3500 उर्दू शिक्षकों की भर्तियों के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। इसमें शर्त रखी गई है कि जिनकी दो पत्नियां हैं, वे आवेदन नहीं कर सकते। वहीं ऐसी महिलाएं जिनके पति की दो बीवियां हैं, वे भी आवेदन नहीं कर सकेंगीं। बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद का कहना है कि पाबंदी इसलिए है ताकि मृत्यु के बाद पेंशन के पात्रों का निर्धारण करने में दिक्कत न आए।

उर्दू शिक्षकों की भर्ती की शर्तो पर होगा पुनर्विचार, एक से ज्यादा पत्नियां होने पर अपात्र मानने का मामला

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती में अभ्यर्थियों की एक से ज्यादा पत्नियां होने पर अपात्र मानने के उल्लेख पर उठे विवाद को लेकर सरकार हरकत में आ गई है। एक संप्रदाय विशेष में उपजी नाराजगी को देखते हुए सरकार इस मसले पर पुनर्विचार करेगी। बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने दैनिक जागरण को बताया कि शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निचले स्तर से जारी होते हैं। इसलिए यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था।

उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई अनोखी बात नहीं है। जिनके लिए यह भर्तियां की जा रही हैं, उन्हें इस पर कोई एतराज नहीं है। पता नहीं क्यों इसे बेवजह उछाला जा रहा है। समाजवादी सरकार मुस्लिमों की हितैषी है, यह सब जानते हैं। उन्हें बताया गया है कि यह वर्ष 1981 का कोई आदेश है जिस पर अमल किया गया है। वह शुक्रवार को इस मसले पर गौर करेंगे। यदि जरूरी हुआ तो सरकार की ओर से स्पष्टीकरण भी जारी किया जाएगा।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खफा

प्राथमिक स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती के आवेदन में वैवाहिक स्थिति पूछे जाने पर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड खफा है। बोर्ड का कहना है कि जब किसी भी सरकारी नौकरी में एक पत्नी या दो पत्नी का ब्योरा नहीं पूछा जाता है, तब ऐसी शर्त बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली का कहना है कि पर्सनल लॉ एक से अधिक शादी की इजाजत देता है। भारत में एक फीसद से कम मुसलमान एक से अधिक शादी करते हैं।

साढ़े तीन हजार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति सम्बन्धी जारी शासनादेश का मामला : यूपी में एक से ज्यादा शादियां करने वाले आवेदन के योग्य नहीं, मुस्लिम बोर्ड का विरोध|

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन हजार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति सम्बन्धी शासनादेश में एक से ज्यादा शादियां करने वालों को आवेदन करने के अयोग्य ठहराए जाने को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध किया है। बोर्ड ने कहा कि यह मुसलमानों के शरई अधिकारों का हनन है।

उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के सिलसिले में हाल में जारी शासनादेश में कहा गया है कि आवेदन के लिए शैक्षणिक और आयु सम्बन्धी योग्यता रखने वाले ऐसे लोग, जिनकी दो पत्नियां हैं, वे आवेदन नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा ऐसी महिलाएं जिनके पति की दो बीवियां हैं, वे भी आवेदन के लिए अर्ह नहीं होंगी।

प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने बताया कि यह पाबंदी इसलिए लगाई गई है ताकि शिक्षक की मत्यु की बाद पेंशन और अन्य वित्तीय लाभों के पात्र का निर्धारण करने में कोई दिक्कत ना हो। इस बीच, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शासनादेश में जोड़ी गयी शर्त को मुसलमानों के शरई अधिकारों का हनन बताया है।

बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मुसलमानों के लिए चार शादियां तक करना जायज है। ऐसे में एक से ज्यादा बीवियां रखने वाले लोगों को भर्ती के लिए आवेदन से वंचित करना उनके शरई हक को छीनने जैसा है।

उन्होंने कहा जहां तक भर्ती का सवाल है तो सरकार ऐसी शर्तं नहीं लगा सकती। इस्लाम में चार शादियां जायज हैं, इसके बावजूद बमुश्किल एक प्रतिशत मुसलमान ही ऐसे हैं, जिनकी दो बीवियां हैं।

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