उत्तर प्रदेश के एडेड स्कूलों में जल्द ही शिक्षकों की कमी दूर होगी। आगामी एक जुलाई तक इन स्कूलों के लिए दस हजार शिक्षकों को चयनित किया जाएगा। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेन्द्र कुमार ने मंगलवार को ये घोषणा की। वह मोतीनगर स्थित अग्रसेन इंटर कॉलेज में अशासकीय सहायता-प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन पूर्ण कर चयन प्रक्रिया को रफ्तार दी जाएगी। प्रमुख सचिव ने शिक्षकों की समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने आश्वासन दिया। इस अवसर पर सदस्य विधान परिषद के सदस्य डॉ. अशोक वाजपेई ने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने से शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में सहायता मिलेगी।
प्रबंधक संभा के कार्यकारी अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने कहा कि निजीकरण के कारण आज शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों और छात्रों के बीच का संबंध समाप्त हो गया है। शिक्षक अब पढ़ाने को नौकरी समझते है, जबकि पहले यह मिशन हुआ करता था। आज सरकारी कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता ना के बराबर है। इसमें सुधार करना होगा तभी छात्रों को रूझान सरकारी कॉलेजो
साभार : हिन्दुस्तान
अनुदानित स्कूलों में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती जल्द : इन स्कूलों की समस्याएं हल करने का प्रयास कर रही है सरकार
लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की समस्या जल्द दूर होगी। जुलाई तक अनुदानित स्कूलो में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती होगी। इसके बाद इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा। माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने मंगलवार को सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक महासभा के सम्मेलन में यह जानकारी दी। वह मोतीनगर स्थित महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज में आयोजित सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
प्रमुख सचिव ने कहा कि सरकार अनुदानित स्कूलों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रही है। इनकी समस्याएं सुलझेंगी तो इसका असर पढ़ाई के स्तर पर पड़ेगा। उनके अनुसार शिक्षकों की कमी इन विद्यालयों की सबसे बड़ी समस्या है। इसलिए अब विभाग ने चयन बोर्ड की प्रक्रिया और तेज करने का फैसला किया है। इससे विद्यालयों को नए शिक्षक मिल सकेंगे।
प्रबंधक महासभा के अध्यक्ष, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं एमएलसी डॉ. अशोक वाजपेयी कहा कि अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की समस्याएं सुलझाने के बाद ही माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधारा जा सकता है। प्रबंधक महासभा के सचिव डॉ. अनिल कुमार अग्रवाल ने प्रमुख सचिव को अनुदानित स्कूलों की प्रमुख समस्याएं बताईं। इनमें शिक्षकों की कमी, नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद अनुदानित स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति न होना और मरम्मत आदि का खर्च न मिलना प्रमुख हैं। सम्मेलन में माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को भी आना था लेकिन वे नहीं आ सके। इस मौके पर स्टूडेंट्स ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।
साभार : अमरउजाला
यूपी के एडेड स्कूलों को मिलेंगे 10 हजार शिक्षक
उत्तर प्रदेश के एडेड स्कूलों में जल्द ही शिक्षकों की कमी दूर होगी। आगामी एक जुलाई तक इन स्कूलों के लिए दस हजार शिक्षकों को चयनित किया जाएगा। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेन्द्र कुमार ने मंगलवार को ये घोषणा की। वह मोतीनगर स्थित अग्रसेन इंटर कॉलेज में अशासकीय सहायता-प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन पूर्ण कर चयन प्रक्रिया को रफ्तार दी जाएगी। प्रमुख सचिव ने शिक्षकों की समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने आश्वासन दिया। इस अवसर पर सदस्य विधान परिषद के सदस्य डॉ. अशोक वाजपेई ने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने से शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में सहायता मिलेगी।
प्रबंधक संभा के कार्यकारी अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने कहा कि निजीकरण के कारण आज शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों और छात्रों के बीच का संबंध समाप्त हो गया है। शिक्षक अब पढ़ाने को नौकरी समझते है, जबकि पहले यह मिशन हुआ करता था। आज सरकारी कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता ना के बराबर है। इसमें सुधार करना होगा तभी छात्रों को रूझान सरकारी कॉलेजों की तरफ आएगा।
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