मीना की दुनिया(Meena Ki Duniya)-रेडियो प्रसारण एपिसोड 63। कहानी का शीर्षक - "नए दोस्त"
मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-63
दिनांक-19/12/2015
आकाशवाणी केंद्र-लखनऊ ; समय-11:15am से 11:30am तक
आज की कहानी का शीर्षक- “नए दोस्त”
आजकल मीना अपने स्कूल जाते हुए रास्ते में कृष्णा को ले कर जाती है। कृष्णा ने अभी हाल में ही मीना के स्कूल में दाखिला लिया है। कृष्णा को बचपन में पोलियो हो गया था जिससे उसका पैर ख़राब हो गया है।
---------------++दृश्य- 1++-----------------
कृष्णा के घर मीना का प्रवेश होता है मीना कृष्णा को स्कूल चलने को कहती है पर वो स्कूल जाने को मना करता है| कारण पूंछने पर......
कृष्णा-स्कूल के सारे बच्चे मेरा मजाक उड़ाते है। वे बच्चे मेरे साथ खेलना भी पसंद नहीं करते है।.... पहले जहाँ मैं पढता था वहाँ ऐसा बिल्कुब नहीं था,वहां सारे मेरे दोस्त थे| मैंने सोचा था यहाँ भी सब मेरे दोस्त बन जायेंगे पर ऐसा नहीं हुआ | तुम जाओ मीना मैं स्कूल नहीं जाऊंगा।
मीना-अगर तुम स्कूल नहीं जाओगे तो मई भी न जाऊँगी। आखिर मैं तुम्हारी दोस्त हूँ न।
तुम कुछ शरारती लड़कों की वजह से स्कूल कैसे छोड़ सकते हो और आज तो स्कूल में तुम्हारा तीसरा ही दिन है ... देखना धीरे धीरे सभी मेरी तरह तुम्हारे दोस्त बन जायेंगे।
कृष्णा- काश ऐसा होता।
मीना-ऐसा ही होगा कृष्णा।
कृष्णा- ऐसा होगा या नहीं .....मीना एक बात तय है जब तक दीपू मेरा मजाक उड़ना नहीं छोड़ता तब तक कोई मेरा मित्र नहीं बनेंगा।
मीना-नहीं दीपू ऐसा नहीं है मैं मानती हूँ........ दीपू शरारती है पर दिल का बहुत अच्छा है वह। मैं इस बारे में जरुर उससे बात करुँगी। अगर तब भी नहीं माने तो तुम बहनजी से उसकी शिकायत कर देंना।
कृष्णा- अरे नहीं मीना, मुझे किसी की शिकायत नहीं करनी, नहीं तो बच्चे मुझे शिकायती टट्टू कह कर और चिढ़ाएगें।
मीना- फिर तुम स्वयं दीपू से बात करो।.....चलो अब स्कूल चलो।
-----------++दृश्य-2++---------------
स्कूल में बच्चे खेल रहें हैं। मीना और कृष्णा स्कूल की ओर आ रहें हैं। उन्हें आते देख......
दीपू- अरे कृष्णा थोड़ा धीरे चल नहीं तो एक्सिडेंट हो जायेगा।
मीना- दीपू ये तुम क्या कह रहे हो, तुम्हे मालूम है न कि कृष्णा सही से चल नहीं सकता।
दीपू- मैं तो मजाक कर रहा था।
मीना- इसे मजाक करना न , मजाक उड़ना कहते हैं।........ कमियां हम सब में होती हैं इसका मतलब ये नहीं कि हम दुसरे की कमीं का मजाक उड़ायें।
-----------++दृश्य-3++------------
मैदान में बच्चे क्रिकेट खेल रहें हैं। दीपू गेंद सही से नहीं फेक रहा है।
कृष्णा 1 कविता गुनगुना रहा है.......
“मेरे भी कुछ सपने हैं ,मेरी भी कुछ आशाएं है।
सच्चे साथी अपने हैं,अब तो पथ की उम्मीदें हैं।।
सोच रहा हूँ गुमसुम सा हूँ,गौर से देखो तुम सब सा हूँ।
यूँ तो सभी दोस्त हैं मेरे फिर क्यों लगे पराएँ हैं।।
फूल हैं जो दिल के आँगन में क्यों सारे मुरझाएं हैं।
बदले मौसम में गुमसा हूँ मैं गौर से देखो मैं तुम सा हूँ|”
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