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मीना की दुनिया(Meena Ki Duniya)-रेडियो प्रसारण एपिसोड 57 । कहानी का शीर्षक - "कुम्भकरण"

मीना की दुनिया(Meena Ki Duniya)-रेडियो प्रसारण एपिसोड 57 । कहानी का शीर्षक  -   "कुम्भकरण"

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण

एपिसोड-57

दिनांक 12/12/2015

आकाशवाणी केन्द्र : लखनऊ,

समय 11:15 am से 11:30 am तक

आज की कहानी का शीर्षक- “कुम्भकरण”

     बेला दौड़ती हुई मीना के घर जाती है और बताती है कि उसके पिता पोंगाराम जी इस बार गाँव में होने वाले रामलीला में कुम्भकरण बनेंगे क्योकि उन्होंने 100पुड़ियाँ और 50 लड्डू खाकर दिखा दिया था। लेकिन तभी बेला एकदम से परेशान और दुखी हो जाती है और मीना के पूंछने पर बताती है कि उसके बाबूजी ने उसकी शादी पक्की कर दी है। मीना कहती है अभी तो आप सिर्फ 15 साल की है और आप तो अभी आगे पढ़ कर वकील भी तो बनना चाहती है।

बेला बताती है कि मैंने बाबूजी से कहा पर वो नहीं मान रहे हैं।

      ..............फिर बेला,राजू और मीना पोंगाराम जी की रिहर्सल देखने पहुँच जाते है। रिहर्सल ख़त्म होते ही उधर से एक कचौड़ी व जलेवी बेचने वाला गुजरता है । पोंगाराम जी उससे कचौड़ियाँ ले कर खाने लगते है और बच्चो से भी खाने को कहते है पर बच्चे उन कचौड़ियों को खाने से मना कर देते हैं क्योंकि उनमे मक्खियाँ भिनभिना रहीं थी। मीना पोंगाराम जी को भी इन्हें खाने को मना करती है और बताती है की इन्हें खाने से दस्त लग सकते हैं पर पोंगाराम जी मीना की बातों को मजाक में उड़ा देते हैं। ज्यादा कचौड़ियाँ खाने से उन्हें शौंच जाना पड़ता है।शौंच से आने के बाद वो सिर्फ पानी से हाँथ धो कर कचौड़ियाँ खाने लगते हैं तब भी मीना पोंगाराम जी को साबुन से हाँथ धुलने को कहती है पर वो मीना की बात न सुनते और फिर खाने के बाद बेला से खुले और गन्दी जगह रखे मटके का पानी पीने  को माँगाते है। मीना फिर बताती है की खुले और गंदे जगह रखे पानी में कीटाणु होते है जिसको पीनें से दस्त लग सकते हैं। पोंगाराम फिर मीना की बात नहीं सुनते और पानी पी कर कहते है, “...... देखा मैंने उन कचौड़ियों को खाया साबुन से हाँथ भी न धोये और इस पानी को भी पिया। बताओ मुझे कुछ हुआ?”

मीना कहती है की ऐसा तुरंत नहीं होता बल्कि कुछ समय में जरुर हो सकता है। इस पर मीना और पोंगाराम जी में शर्त लग जाती है कि सात दिनों के अन्दर यदि आपको दस्त न लगे तो मेरा मिट्ठू आपका और अगर दस्त लगे तो आपको बेला दीदी की शादी 18 साल की होने के बाद करोगे और उनकी पढाई भी नहीं रोकेंगे।


तीन-चार दिन बाद पोंगाराम जी, आज रिहर्सल के आखिरी दिन कुम्भकरण बने लेटे हुए है अचानक वो उठ खड़े होते है और खड़े होते ही उन्हें चक्कर आ जाता है और पोंगाराम जमींन में गिर जाते है।

     नर्स बहनजी को बुलाया जाता है तब पोंगाराम जी बताते हैं की कल रात से मैं शौंच जा जाकर थक चूका हूँ। पास खड़े बच्चे नर्स बहनजी को उस दिन की सारी बात बताते है। नर्स बहनजी बताती है की पोंगाराम जी को डायरिया हुआ है .......और कुछ दवा, ओ0आर0एस0 का घोल पीनें को देती है।

     अब पोंगाराम जी को अपनी गलती का अहसास होता है और मान जाते हैं कि साफ हांथो में है दम। शर्त हारने के कारण पोंगाराम जी 18 साल के पहले बेला की शादी न करने के वादे को भी पूरा करने की बात भी कहते हैं।

आज का गाना-

ख़बरदार होशियार सम्हल जा मेरे यार।

बोया नींम तो मिले न आम,

बीज आगे का कितना काम।।

पेड़ में बैठी एक चिड़िया

दाना चुगे तो ता ता थैया ।

कूद पड़ी जो ज़मी पे आ के

बैठे थे सारे घात लगा के।।

ख़बरदार............

पेड़ पे आम हल्के पीले

चंदू चढ़ा हौले हौले ।

दूर से आम तो अच्छा है

लगता पक्का पर कच्चा है।।

ख़बरदार.........

आज का खेल:-    ‘अक्षरों की अन्त्याक्षरी’

शब्द- ‘सफाई’

 स-साग(पालक,मेथी)

 फ-फुर्ती

 ई-ईंट

आज की कहानी का सन्देश-

 पढ़-लिख कर ही डिग्री पाओ,खुली चीजों को न खाओ|

 ‘शौचालय बाद साबुन से हाथ धुलो सदा,

बिटिया को करें अठ्ठारह के बाद ही विदा|’

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1 Comments

  1. 📌 मीना की दुनिया(Meena Ki Duniya)-रेडियो प्रसारण एपिसोड 57 । कहानी का शीर्षक - "कुम्भकरण"
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