सरकारी स्कूलों में हाजिरी घटी तो नपेंगे बीएसए - बेसिक शिक्षामंत्री अहदम हसन ने दी चेतावनी
लखनऊ। बेसिक शिक्षामंत्री अहदम हसन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को हटाया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों को भी अभिभावकों की उम्मीदों पर खरा उतरने की हिदायत दी। इसके साथ ही, उन्होंने छह जनवरी को चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद स्कूलों का मुआयना करने के निर्देश दिए।
बेसिक शिक्षामंत्री हसन राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के सभाकक्ष में जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डायट्स) के प्राचार्य व एससीईआरटी की विभिन्न इकाइयों के प्रभारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में वर्ष 2015-16 के कामकाज की समीक्षा की गई व अगले वर्ष की प्राथमिकताओं व कार्यक्रमों की बाबत भी चर्चा की गई। बेसिक शिक्षामंत्री ने अच्छा काम करने वाले डायट प्राचार्यों को प्रोत्साहित करने का आश्वासन दिया। साथ ही, उनसे प्रशिक्षण में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने व मूल्यांकन प्रक्रिया के बारे में पुनर्विचार करने की अपेक्षा भी की।
उन्होंने कहा कि जिन जिलों में छात्र नामांकन घटेगा, उनके जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री कैलाश चैरसिया ने कहा कि अच्छे अध्यापकों को जिलास्तर पर भी पुरस्कृत किया जाए। बैठक में एससीईआरटी के निदेशक डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह और बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा भी उपस्थित रहे।
समीक्षा बैठक के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री ने अमर उजाला को बताया कि पिछले तीन-चार बरसों से बेसिक स्कूलों में परीक्षाएं नहीं होती थीं। इसके खराब नतीजे सामने आ रहे थे। शिक्षक व विद्यार्थियों की योग्यता का ठीक से मूल्यांकन भी नहीं हो पा रहा था, इसलिए अब राज्य सरकार ने परीक्षाएं कराने का फैसला किया है। ये परीक्षाएं फरवरी-मार्च में होंगी। इसके लिए बजट की भी व्यवस्था की गई है।
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