परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मिलेंगी और अच्छी क्वालिटी की किताबें : बेसिक शिक्षा विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव, समय से किताबें मिल पाना मुश्किल
√ए-ग्रेड कागज व वर्जिन पल्प से निर्मित कागज पर छपेंगी 10 करोड़ किताबें
लखनऊ। बिहार और महाराष्ट्र की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश के परिषदीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक बच्चों को दी जाने वाली किताबें भी ए-ग्रेड कागज पर छापी जाएंगी। इसके लिए वर्जिन पल्प से निर्मित कागज का प्रयोग किए जाएगा, जिससे किताबों की क्वालिटी काफी अच्छी होगी और चमकदार भी होंगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्द ही इस पर निर्णय लेने की उम्मीद है।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक के साथ-साथ राजकीय, सहायता प्राप्त तथा मदरसों में कक्षा आठ तक के बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें दिए जाने का प्रावधान है। मौजूदा समय में प्रदेश में करीब एक करोड़ 93 लाख बच्चों के लिए करीब 10 करोड़ किताबें छपवाई जानी है। अभी जो निशुल्क किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं, वह फाइबर मैक्स युक्त क्रिम लेड, क्रिमवोब पेपर पर छापी जाती हैं। जो कि 70 जीएसएम की होती हैं। यह पेपर भी इकोफ्रेंडली रिसाइकिल होता है। ऐसे में किताबों के अंदर के पन्ने अधिक चमकदार नहीं होते। जिससे किताबों की क्वालिटी भी बहुत अधिक अच्छी नहीं होती। पिछले काफी समय से इन किताबों की क्वालिटी बेहतर किए जाने पर काम भी चल रहा है। इसी क्रम में इस बार वर्जिन पल्प से निर्मित पेपर पर किताबें छापने की तैयारी शुरू की गई है।
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