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मृतक आश्रित कोटे के तहत विवाहित पुत्रियों को भी मिल सकेगी नौकरी : विवाहित बेटी भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार - इलाहाबाद हाईकोर्ट

मृतक आश्रित कोटे के तहत विवाहित पुत्रियों को भी मिल सकेगी नौकरी : विवाहित बेटी भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार - इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद (ब्यूरो)। मृतक आश्रित कोटे के तहत विवाहित पुत्रियों को भी नौकरी मिल सकेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश मृतक आश्रित सेवा नियमावली के नियम 2.(सी).(3) को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि मृतक आश्रित कोटे में बेटी को इस आधार पर नियुक्ति देने से इन्कार नहीं किया जा सकता कि वह शादीशुदा है। विवाहित पुत्र नौकरी पा सकता है तो विवाहित पुत्री को नौकरी देने से इन्‍कार करने का कोई औचित्य नहीं बनता। इसके साथ ही कोर्ट ने आजमगढ़ के डीएम द्वारा राजस्व विभाग में कार्यरत पिता की सेवाकाल में मौत के बाद विवाहित पुत्री को नियुक्ति देने से इन्‍कार करने का आदेश रद्द कर नियमानुसार याची की नियुक्ति पर विचार का निर्देश दिया है।

क्या है मामला : आजमगढ़ की विमला श्रीवास्तव ने याचिका में प्रदेश सरकार की अनुकंपा नियुक्ति नियमावली की वैधानिकता पर सवाल उठाए थे। याची के वकील संतोष श्रीवास्तव की दलील थी वैवाहिक स्थिति के आधार पर नियुक्ति में भेदभाव संविधान के अनुच्छेद 14, 15 का उल्लंघन।

यह अनुच्छेद अवसर की समानता का अधिकार प्रदान करते हैं। इसी प्रकार से मात्र पुत्री होने के आधार पर विवाहित और अविवाहित होने का भेदभाव करना भी गैर संवैधानिक है। यह लिंग के आधार पर भेदभाव करता है जबकि पुत्र के साथ ऐसी शर्त नहीं जोड़ी गई है।


विवाहित पुत्री भी अब पा सकेगी मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति
इलाहाबाद (एसएनबी)। मृतक आश्रित कोटे के तहत विवाहित पुत्रियों को भी अब नौकरी मिल सकेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश मृतक आश्रित सेवा नियमावली के नियम 2(सी) (3) को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसे रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मृतक आश्रित कोटे के तहत पुत्री को शादीशुदा होने के आधार पर नियुक्ति देने से इंकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि विवाहित पुत्र नौकरी पा सकता है तो विवाहित पुत्री को नौकरी देने से इंकार करने का औचित्य क्या है। कोर्ट ने आजमगढ़ के जिलाधिकारी द्वारा राजस्व विभाग में कार्यरत पिता की सेवाकाल में मौत के बाद विवाहित पुत्री की नियुक्ति देने से इंकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है तथा नियमानुसार याची की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने श्रीमती विमला श्रीवास्तव की याचिका पर दिया है। याची के पति राजस्व विभाग में सेवाकाल में मृत्यु हो गयी थी। याची की पुत्री विवाहित है जिसने अपने पिता के आश्रित के रूप में नियुक्ति की मांग की थी। सेवा नियमावली में पुत्र व अविवाहित पुत्री व विधवा को नौकरी देने का नियम है। कोर्ट ने अविवाहित शब्द को अनुच्छेद 14 व 15 के विपरीत माना और कहा कि विवाहिता को नियुक्ति देना लिंग भेद करना है। जिसे संविधान में प्रतिबंध किया गया है।
दहाईकोर्ट का फैसला, नियम 2सी (3) असंवैधानिक करार

मृतक आश्रित कोटे पर हाईकोर्ट का निर्णय

विवाहित पुत्री भी अब पा सकेगी नियुक्ति

नियमावली का नियम 2 सी (3) असंवैधानिक


इलाहाबाद (विधि सं.)। मृतक आश्रित कोटे के तहत विवाहित पुत्रियों को भी मिल सकेगी नौकरी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश मृतक आश्रित सेवा नियमावली के नियम 2(सी) (3) को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मृतक आश्रित कोटे के तहत पुत्री को शादीशुदा होने के आधार पर नियुक्ति देने से इंकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि विवाहित पुत्र नौकरी पा सकता है तो विवाहित पुत्री को नौकरी देने से इंकार करने का औचित्य क्या है। कोर्ट ने आजमगढ़ के जिलाधिकारी द्वारा राजस्व विभाग में कार्यरत पिता की सेवा काल में मौत के बाद विवाहित पुत्री की नियुक्ति देने से इंकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है तथा नियमानुसार याची की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया है।यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चन्द्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने श्रीमती विमला श्रीवास्तव की याचिका पर दिया है। याची के पति राजस्व विभाग में सेवाकाल में मृत्यु हो गयी थी। याची की पुत्री विवाहित है जिसने अपने पिता के आश्रित के रूप में नियुक्ति की मांग की थी। सेवा नियमावली में पुत्र व अविवाहित पुत्री व विधवा को नौकरी देने का नियम है। कोर्ट ने अविवाहित शब्द को अनुच्छेद 14 व 15 के विपरीत माना और कहा कि विवाहिता को नियुक्ति देना लिंग भेद करना है। जिसे संविधान मेें प्रतिबंध किया गया है।

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2 Comments

  1. मृतक आश्रित कोटे के तहत विवाहित पुत्रियों को भी मिल सकेगी नौकरी : विवाहित बेटी भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार - इलाहाबाद हाईकोर्ट
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  2. लेकिन अभी भी कई विभाग मृतक आश्रित कोटे मे विवाहित पुत्रीयों को नौकरी नहीं दे रही है उन्हे अभी भी न्यायालय का सहारा लेना पड़ता है जो बहुत दुख कि बात है

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