शिक्षा मित्रों के हित में फैसला सराहनीय : सामाजिक समरसता के लिए शिक्षामित्रों को न्याय मिलना आवश्यक - राम गोविंद चौधरी
प्रदेश के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण एवं सैनिक कल्याण मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियमित किए जाने के प्रदेश सरकार के फैसले को मानवीय हित में उठाया गया कदम करार दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के उक्त शासनादेश को उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा निरस्त किए जाने के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगित कर देने से प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के हित उठाए गए कदम को बल मिला है।
उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे लगभग दो लाख परिवारों को न्याय मिला है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कानूनी पहलुओं के साथ मानवीय दृष्टिकोण को भी दृष्टिगत रखा गया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के लिए शिक्षामित्रों को न्याय मिलना आवश्यक है।
चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध करवाने, इसकी सवोत्त्तम व्यवस्था बनाने और बेरोजगारों को रोजगार देने की अपनी वचनबद्धता को पूरा करने के लिए ही शिक्षा मित्रों को केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप सहायक अध्यापक बनाने का फैसला किया था। श्री चौधरी ने शिक्षामित्रों को संदेश दिया है कि उन्हें इस अवसर का भरपूर लाभ उठाना चाहिए तथा पूरे मनोवेग और सत्यनिष्ठा के साथ अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
•प्रसं, लखनऊ : समाज कल्याण मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा है कि प्रदेश सरकार शिक्षा मित्रों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाए जाने का निर्णय प्रदेश सरकार ने मानवीय हित में उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश यह साबित करता है कि प्रदेश सरकार का निर्णय सही था। उन्होंने शिक्षा मित्रों से भी अपील की है कि वे अपने दायित्वों का ठीक से पालन करें और बच्चों को अच्छी शिक्षा दें।
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