बिना सत्यापन नियुक्ति पत्र नहीं होगा वितरित : जांच में फर्जी पाये जाने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ होगा अलग-अलग एफआईआर
इलाहाबाद : शिक्षा विभाग के अफसर अब नियुक्ति पत्र की रेवड़ियां यूं ही नहीं बांट सकेंगे। पहले वह अभ्यर्थियों के अंकपत्र एवं प्रमाणपत्र का सत्यापन कराएंगे और जांच में सही मिलने पर ही उन्हें नियुक्ति पत्र देंगे। यह कदम एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में अधिकांश दावेदारों के प्रमाण पत्र फर्जी निकलने से हुई किरकिरी होने के बाद उठाया गया है।
राजकीय हाईस्कूल एवं इंटर कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया लंबे समय से जारी है। शासन ने पहले 6645 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था, जिसमें बड़ी तादाद में आवेदन आए, लेकिन एक चौथाई पद भी नहीं भरे जा सके। इसी बीच शासन ने कोर्ट के निर्देश पर 703 पदों को निरस्त कर दिया है। अब 5942 पदों पर ही नियुक्तियों की कार्रवाई चल रही है। इसमें तमाम अभ्यर्थियों के फर्जी निकलने के बाद से अधिकारी सतर्क हो गए हैं। शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमर नाथ वर्मा ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को नया निर्देश जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि जिन अभ्यर्थियों के सत्यापन में अंक पत्र या प्रमाणपत्र फर्जी मिलें उनके विरुद्ध अलग-अलग मुकदमा दर्ज कराया जाए। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक पुलिस अधीक्षक को सम्मिलित सूची सौंपते हैं, इससे कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
शिक्षा निदेशक ने यह भी निर्देश दिया है कि बीते 23, 24 एवं 25 नवंबर को हुई काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों से मिले अंक पत्र एवं प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए भेजे गए हैं, उनकी सूची शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध कराई जाए, ताकि संबंधित बोर्ड या फिर विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर जल्द सत्यापन की कार्यवाही कराई जा सके। 1बीते आठ नवंबर को सभी मंडलों से ई-मेल पर कुछ सूचनाएं मांगी गई थी, लेकिन बरेली, वाराणसी, आजमगढ़, मीरजापुर को छोड़कर शेष मंडलों ने सूचनाएं भेजी ही नहीं। सभी से तत्काल रिपोर्ट तलब की गई है। यह भी कहा गया है कि सारी सूचनाएं पांच दिसंबर को शाम चार बजे तक शिविर कार्यालय एवं शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध कराई जाएं।
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