सब कुछ ठीक रहा तो पीएफ पर बढ़ सकता है ब्याज : चालू वित्त वर्ष के लिए आय के अनुमान संकेत देते हैं कि संगठन 8.75 फीसद से ज्यादा रिटर्न उपलब्ध करा सकता
नई दिल्ली। ईपीएफओ 2015-16 के लिए संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज दर बढ़ा सकता है। बीते दो वित्त वर्षो से यह दर 8.75 फीसद पर यथावत बनी हुई है। बुधवार को ईपीएफओ के केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक होनी है।
सूत्रों ने बताया कि वैसे ईपीएफ जमा पर ब्याज दर तय करने का प्रस्ताव एजेंडे में सूचीबद्ध नहीं है, लेकिन सीबीटी बैठक में इन पर घोषणा कर सकता है। बैठक मुख्य रूप से ईपीएफओ के पुनर्गठन पर चर्चा के लिए बुलाई गई है। चूंकि ईपीएफओ चालू वित्त वर्ष के लिए आय का अनुमान पहले ही निकाल चुका है। लिहाजा इस बैठक में ब्याज दरें तय की जा सकती हैं।
चालू वित्त वर्ष के लिए आय के अनुमान संकेत देते हैं कि संगठन 8.75 फीसद से ज्यादा रिटर्न उपलब्ध करा सकता है। ईपीएफओ बीते दो वित्त वर्षो से ईपीएफ जमाओं पर यही ब्याज दे रहा है। संगठन के पास पांच करोड़ से अधिक कर्मचारियों की भविष्य निधि जमा होती है। हालांकि, वित्त मंत्रालय इसमें कोई इजाफा नहीं चाहता है।
सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के आला अफसरों की हाल में एक बैठक हुई थी। इस दौरान वित्त मंत्रालय ने अनुरोध किया कि ईपीएफओ को चालू वित्त वर्ष के लिए जमाओं पर ब्याज दर यथावत बनाए रखनी चाहिए।
केंद्र सरकार लघु बचत योजनाओं एवं लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज दर घटाने पर विचार कर रही है। सरकार दिसंबर के अंत तक इनकी दरों में कटौती को लेकर कोई फैसला कर सकती है। फिलहाल, ईपीएफ पर ब्याज दरों में बदलाव पूरी तरह श्रम मंत्री की अध्यक्षता में सीबीटी के फैसले पर निर्भर करता है।
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