8वीं क्लास तक फेल न करने की पॉलिसी बदलेगी : HRD मिनिस्ट्री को मिला 13 राज्यों का साथ
नई दिल्ली : मोदी सरकार जल्द ही फेल न करने की पॉलिसी (नो डिटेंशन पॉलिसी) बदलने की तैयारी में है। इस कोशिश में एचआरडी मिनिस्ट्री को 13 राज्यों का सपोर्ट भी मिल गया है। हालांकि कर्नाटक ने इसे लेकर ऐतराज जताया है। कर्नाटक चाहता है कि 8वीं क्लास तक फेल न करने की पॉलिसी उसी तरह चलती रहे। सूत्रों के मुताबिक अगर फेल न करने की पॉलिसी हटती है तो 10वीं बोर्ड एग्जाम भी कंपलसरी हो सकते हैं। अभी ये बोर्ड एग्जाम ऑप्शनल हैं।
एचआरडी मिनिस्ट्री को यूपीए-2 के वक्त शुरू की गई विवादित नो डिटेंशन पॉलिसी को पलटने में सिर्फ बीजेपी शासित राज्यों का ही नहीं बल्कि कई कांग्रेस शासित राज्यों का भी खुलकर सपोर्ट मिल रहा है। मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल अडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन (सीएबीई) की मीटिंग में ज्यादातर राज्यों ने एकसुर में नो डिटेंशन पॉलिसी को हटाने की जोरदार मांग उठाई थी, लेकिन एचआरडी मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों से लिखित में उनकी राय देने को कहा था।
इन राज्यों से मिला सपोर्ट
अब मिनिस्ट्री के पास 14 राज्यों से राय आ गई हैं। सूत्रों के मुताबिक बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, यूपी, उत्तराखंड, पुडुचेरी और दिल्ली ने राय दी है कि फेल न करने की पॉलिसी हटनी चाहिए। इससे स्टूडेंट्स पढ़ाई को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
कर्नाटक खिलाफ
हालांकि कर्नाटक मोदी सरकार की इस पहल के खिलाफ है। कर्नाटक चाहता है कि नो डिटेंशन पॉलिसी उसी तरह चलती रहे। मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर राज्य नो डिटेंशन पॉलिसी के खिलाफ हैं, इसलिए जल्द ही यह पॉलिसी बदल सकती है। अभी मिनिस्ट्री बचे हुए राज्यों के लिखित जवाब का इंतजार कर रही है। यूपीए-2 में एजुकेशन रिफॉर्म्स के तहत नो डिटेंशन पॉलिसी और 10वीं के बोर्ड एग्जाम कंपलसरी न करने की पॉलिसी लागू की गई थी। सीएबीई की सबकमिटी ने भी अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि नो डिटेंशन पॉलिसी हटनी चाहिए, क्योंकि इससे स्टूडेंट्स के सीखने में भारी गिरावट आई है। मोदी सरकार नई एजुकेशन पॉलिसी को लेकर भी स्टूडेंट्स से लेकर सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत कर रही है।
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