पेंशन अंशदान कटौती नहीं : एक अप्रैल 2005 या उसके बाद नियुक्त शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कर्मियों पर पड़ रही दोहरी मार
कानपुर : माध्यमिक विद्यालयों में एक अप्रैल 2005 या उसके बाद नियुक्त शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कर्मियों पर दोहरी मार पड़ रही है। न तो उनकी पेंशन अंशदान की कटौती हो रही है न ही उन्हें सेवानिवृत्ति का लाभ मिल पा रहा है। इसके अलावा अपंगता पेंशन, रिटायरमेंट ग्रेच्युटी, मृत्यु होने पर पारिवारिक पेंशन समेत अन्य लाभों से भी वह वंचित हैं।
अफसरों की इस लापरवाही को उजागर करने को माध्यमिक शिक्षणोत्तर एसोसिएशन की ओर से प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर ये मांग की है कि पांच दिसंबर 2011 को जारी शासनादेश के नियमों का शिक्षकों व कर्मियों को लाभ मिलना चाहिए। रविवार को उप्र.माध्यमिक शिक्षणोत्तर एसोसिएशन के मंडलीय अध्यक्ष संतोष तिवारी ने बताया कि पांच दिसंबर 2011 को जो शासनादेश जारी किया गया था, उसमें सभी प्रमुख सचिवों से अपने विभाग में उसे लागू करने की बात कही गई थी पर कानपुर मंडल समेत प्रदेश के अन्य जनपदों के मंडलीय शिक्षा अधिकारियों ने इसे अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मियों के लिए लागू नहीं किया।
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