शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद करने के आदेश पर लगाई रोक
हाइकोर्ट के आदेश पर अपनी नौकरी खोने की कगार पर खड़े उत्तर प्रदेश के 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। यूपी सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।
मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी। हाइकोर्ट ने शिक्षामित्रों की नियुक्ति को अवैध मानते हुए यूपी सरकार को उसे रद करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद से प्रदेश भर में शिक्षामित्रों ने बड़ा आंदोलन छेड़ रखा था।

हाइकोर्ट ने लगा दी थी रोक
मामला राष्ट्रीय स्तर पर गूंजने के बाद प्रधानमंत्री ने भी इस संबंध में शिक्षामित्रों की मदद का आश्वासन दिया था। दूसरी ओर हाइकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों का वेतन भी रोक दिया गया था।
हाइकोर्ट के निर्णय का शिक्षामित्रों पर ऐसा असर हुआ था कि नौकरी खोने के गम से कई शिक्षामित्रों ने खुदकुशी कर अपनी जान भी दे दी थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल शिक्षामित्रों की नई नियुक्ति पर भी रोक लगा दी है।
बिना टीईटी पास किए शिक्षामित्रों की नियुक्ति के विरोध में टीईटी पास कुछ अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी। उनका पक्ष था कि बिना टीईटी पास किए किसी को प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक नियुक्त नहीं किया जा सकता।
यह था मामला
लेकिन यूपी सरकार ने 1.72 लाख शिक्षामित्रों को बिना टीईटी के ही विशेष प्रशिक्षण देकर परिषदीय विद्यालयों में नियुक्ति दे दी थी। इसके विरोध में टीईटी पास करने वाले कुछ अभ्यर्थी हाइकोर्ट चले गए थे जिसके बाद हाइकोर्ट ने उनकी नियुक्ति को अवैध ठहराते हुए प्रदेश सरकार को नियुक्ति रद करने के आदेश दिए थे।
उसके बाद से ही इस मुद्दे को लेकर प्रदेशभर की राजनीतिक गर्माई हुई थी। मामले में यूपी सरकार शिक्षामित्रों का पक्ष लेते हुए सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पौने दो लाख शिक्षामित्रों को बड़ी राहत दे दी।
सर्वोच्च अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी। जिसमें दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को शिक्षामित्र अपनी बड़ी जीत मान रहे हैं
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