सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 1,72000 शिक्षामित्रों के हटाने के आदेश पर रोक लगाई : सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षाबोर्ड का अपीलों पर आया, मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य के 1 लाख 72 शिक्षा मित्रों ने राहत की सांस ली है।
खबरों के अनुसार इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए एक दर्जन से ज्यादा शिक्षा मित्रों ने उनकी नियुक्ती रद्द करने के आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की थी। मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितम्बर को लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्रों का समायोजन को अवैध ठहराते हुए रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुज्ञा याचिका दायर की थी।
वहीं बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से भी एक याचिका दायर की गई जबकि 20 से ज्यादा याचिकाएं शिक्षामित्रों के संगठन, शिक्षामित्रों ने दायर की थी। इसमें प्राथमिक शिक्षामित्र संघ, इसके प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला व आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर संंगठन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही की याचिकाएं प्रमुख हैं।
Tags: # SC , # Shiksha Mitra , # Supreme court , # allahabad high court , # lucknow , # education , # teacher ,
शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद करने के आदेश पर लगाई रोक
हाइकोर्ट के आदेश पर अपनी नौकरी खोने की कगार पर खड़े उत्तर प्रदेश के 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। यूपी सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।
मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी। हाइकोर्ट ने शिक्षामित्रों की नियुक्ति को अवैध मानते हुए यूपी सरकार को उसे रद करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद से प्रदेश भर में शिक्षामित्रों ने बड़ा आंदोलन छेड़ रखा था।
प्रदेश के लगभग सभी जिलों में तभी से शिक्षामित्र धरने प्रदर्शन जारी रखे हुए थे। हालांकि इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों का पक्ष लेते हुए मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का आश्वासन दिया था।
हाइकोर्ट ने लगा दी थी रोक
मामला राष्ट्रीय स्तर पर गूंजने के बाद प्रधानमंत्री ने भी इस संबंध में शिक्षामित्रों की मदद का आश्वासन दिया था। दूसरी ओर हाइकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों का वेतन भी रोक दिया गया था।
हाइकोर्ट के निर्णय का शिक्षामित्रों पर ऐसा असर हुआ था कि नौकरी खोने के गम से कई शिक्षामित्रों ने खुदकुशी कर अपनी जान भी दे दी थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल शिक्षामित्रों की नई नियुक्ति पर भी रोक लगा दी है।
बिना टीईटी पास किए शिक्षामित्रों की नियुक्ति के विरोध में टीईटी पास कुछ अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी। उनका पक्ष था कि बिना टीईटी पास किए किसी को प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक नियुक्त नहीं किया जा सकता।
यह था मामला
लेकिन यूपी सरकार ने 1.72 लाख शिक्षामित्रों को बिना टीईटी के ही विशेष प्रशिक्षण देकर परिषदीय विद्यालयों में नियुक्ति दे दी थी। इसके विरोध में टीईटी पास करने वाले कुछ अभ्यर्थी हाइकोर्ट चले गए थे जिसके बाद हाइकोर्ट ने उनकी नियुक्ति को अवैध ठहराते हुए प्रदेश सरकार को नियुक्ति रद करने के आदेश दिए थे।
उसके बाद से ही इस मुद्दे को लेकर प्रदेशभर की राजनीतिक गर्माई हुई थी। मामले में यूपी सरकार शिक्षामित्रों का पक्ष लेते हुए सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पौने दो लाख शिक्षामित्रों को बड़ी राहत दे दी।
सर्वोच्च अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी। जिसमें दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को शिक्षामित्र अपनी बड़ी जीत मान रहे हैं।
इलाहाबाद । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के 1,72000 शिक्षामित्रों के हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षाबोर्ड का अपीलों पर आया है। मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितम्बर को लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्रों का समायोजन को अवैध ठहराते हुए रद्द कर दिया है। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुज्ञा याचिका दायर की है। वहीं बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से भी एक याचिका दायर की गई है। इसके अलावा 20 से ज्यादा याचिकाएं शिक्षामित्रों के संगठन, शिक्षामित्रों ने दायर की है। इसमें प्राथमिक शिक्षामित्र संघ, इसके प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला और आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही की याचिकाएं प्रमुख हैं।
संगठन की ओर से पी चिदम्बरम, अमित सिब्बल, पराग त्रिपाठी, रंगीता रोहतगी जैसे वकील किए गए हैं वहीं राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे को खड़ा किया है।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यूपी की शैक्षिक परिदृश्य का हवाला देते हुए दया के आधार पर शिक्षामित्रों का समायोजन बहाल करने का अनुरोध किया है। वहीं शिक्षामित्रों ने भी अपनी याचिकाओं में यह आधार बनाया है कि शिक्षामित्रों को अप्रशिक्षित शिक्षक मानते हुए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने भी प्रशिक्षण देने की अनुमति दी थी लिहाजा नियमों के मुताबिक इन्हें टीईटी से छूट दी जाए।
2 Comments
📌 सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 1,72000 शिक्षामित्रों के हटाने के आदेश पर रोक लगाई : सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षाबोर्ड का अपीलों पर आया, मामले की अगली सुनवाई 24 दिसंबर को होगी।
ReplyDelete👉 READ MORE 👆👇http://www.basicshikshanews.com/2015/12/172000-24.html
फर्जीवाड़ा पर हाईकोर्ट ने दिया अभूतपूर्व आदेश
ReplyDelete७२,८२५ भर्ती और टीईटी २०११ में धांधली और फर्जीवाड़ा का चोली-दामन का साथ
प्राइमरी शिक्षक का नया वेतन
Ncte के पत्र से निम्न बातें साफ
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियोँ को नियुक्ति दिलाकर ही बैठेँगे शान्त
शिक्षा मित्र मुद्दे पर कुछ एहम बातें जिन पर गहन अध्यन्न करने की आवश्यकता - हिमाँशु राणा
लाखों शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए खुश खबरी , तबादले फरवरी-2016 में
प्राथमिक शिक्षा का कोढ़ और क्षद्म समाजवाद घुटनो पर ला दिया है हमने - हिमांशु राणा
शिक्षामित्रों के समायोजन - सुप्रीम कोर्ट को रास आई दलीलें
टीईटी 2016 - रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 16 दिसंबर तथा आवेदन की 18 दिसंबर
शिक्षा मित्रों ने CM और बेसिक शिक्षा मंत्री के प्रति जताया आभार
1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन , अभी अंतिम फैसला नहीं - विधि विशेषज्ञ
शिक्षामित्रों की खिलीं बाछें , मनाया जश्न, जागने लगी वेतन मिलने की आस
प्रमाणपत्रों का वेरिफिकेशन , बकाया मानदेय, 3-4 बैच का रिजल्ट व मौलिक नियुक्ति related news
12000 टीईटी पास प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उम्मीद बढ़ी
हिमांशु राणा ने खाई कसम - "जब तक तोड़ेंगे नही,छोड़ेंगे नही !!"
अभी सिर्फ स्टे है, अभी हाईकोर्ट का आर्डर पलटा नहीं गया
रंग लाई सरकार की कोशिशें
शिक्षामित्रों का रास्ता अभी भी भरा है काँटों से
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों के घर मनेगी दिवाली
शिक्षामित्र समायोजन के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश के मुख्य बिन्दु हिंदी में
शिक्षामित्र टीचर बनाने की मांग की बजाय सैलरी बढ़वाएं