1.24 लाख शिक्षामित्रों के लिए उम्मीद की किरण : टीईटी-15 एक अवसर हो सकता है, भर्ती में शामिल करने के हैं आदेश - इलाहाबाद,एनसीटीई की अनुमति से कराई ट्रेनिंग
इलाहाबाद : प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त होने से सड़क पर आ खड़े हुए उत्तर प्रदेश के 1.24 लाख शिक्षामित्रों के लिए खोई नौकरी पाने का टीईटी-15 एक अवसर हो सकता है। दूरस्थ माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण पूरा कर चुके शिक्षामित्र दो फरवरी 2016 को प्रस्तावित प्राइमरी स्तर की टीईटी पास कर सहायक अध्यापक की नियमित भर्ती में दावेदारी कर सकते हैं।
दरअसल हाईकोर्ट ने 12 सितम्बर को बगैर टीईटी पास शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त कर दिया था। लेकिन उनके दो वर्षीय बीटीसी ट्रेनिंग के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। शिक्षामित्रों के लिए यह राहत भरी खबर थी, क्योंकि इसके बाद उनके प्रशिक्षण को लेकर कोई कानूनी अड़चन नहीं रह गई।
भर्ती में शामिल करने के हैं आदेश : इलाहाबाद।
टीईटी पास दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापकों की नियमित भर्ती में शामिल करने के आदेश कोर्ट दे चुका है।
एनसीटीई की अनुमति से कराई ट्रेनिंग :
1999 में शिक्षामित्र योजना लागू होने के लगभग 12 साल बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी 2011 को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से शिक्षामित्रों को दो वर्षीय दूरस्थ विधि से बीटीसी ट्रेनिंग देने की अनुमति मांगी थी। एनसीटीई ने 14 जनवरी 2011 को प्रशिक्षण की मंजूरी दी थी।
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