मीना की दुनिया (Meena Ki Duniya) - रेडियो प्रसारण एपिसोड 43 । कहानी का शीर्षक "झांसी की रानी"
एपिसोड-43
आकाशवाणी केंद्र-छतरपुर; समय:-11:15am से 11:30am
दिनांक-23/11/2015
कहानी का शीर्षक- “झांसी की रानी”
दो दिन बाद मीना के स्कूल में झांसी की रानी नामक नाटक होना है जिसमे झांसी की रानी की भूमिका बेला को निभानी है| तय होता है कि शुक्रवार को इसकी रिहर्सल की जायेगी|
और फिर शुक्रवार के दिन......
बेला जब काफी देर तक स्कूल नही पहुँची तो मीना,सुमी,राजू और दीपू बेला के घर पहुंचे|
बेला के पिताजी पोंगा राम चाचा उसकी नाराजगी का कारण बताते हैं | और सब बच्चों को घर के पिछवाड़े भेज देते है जहाँ बेला बैठकर कठपुतलियां बना रही थी| और स्वयं शोभा काकी के यहाँ से फावड़ा लेने चले जाते हैं|
बेला ना जाने का कारण बताती है उसके मुहासे|
तभी दीपू आवाज़ देता है ...कि राजू गढ्ढे में गिर पड़ा है| बेला बहादुरी का परिचय देते हुए राजू को गढ्ढे से निकलती है| तब तक पोंगाराम चाचा , शोभा काकी के साथ वहां पहुँच जाती हैं|
शोभा काकी बेला को समझाती हैं|
शोभा काकी के समझाने पर बेला नाटक की तैयारी करने स्कूल गयी|
आज का गाना-
जब कभी टेंशन सताए, कौन दिमाग में शोर मचाये
क्या करें जब समझ न आये हम बताते हैं उपाय
डरो नहीं मत घबराओ खेलो कूदो और गाओ
जो भी अच्छा लगता है काम वो करने लग जाओ
खुश रहने का वादा करो टेंशन को टा-टा करो
टेंशन को टाटा करो, भई टेंशन को टाटा करो-२
तेरी मेरी उसकी इसकी सबकी है यही कहानी
कौन है ऐसा नहीं जिसको ना कोई भी परेशानी
दिलो दिमाग में टेंशन रखके होना नहीं उदास
जाके कहना किसी बड़े से न फिर किसी दोस्त के पास
जी अपना हल्का करो और...टेंशन को टाटा करो
टेंशन को टाटा करो, भई टेंशन को टाटा करो-२
आज का खेल- ‘नाम अनेक अक्षर एक’
अक्षर-‘स’
व्यक्ति- सोनू निगम
वस्तु- संदूक / सिंदूर
जानवर- सियार (गीदड़)
जगह- सतना (मध्य प्रदेश)
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