मीना की दुनिया ( Meena Ki Duniya) एपिसोड - 35 कहानी का शीर्षक - 'दावत का लड्डू'
एपिसोड-35
दिनांक-07/11/2015
कहानी का शीर्षक- ‘दावत का लड्डू’
सारे गाँव में हल्ला हो रहा है|......गाँव में दावत जो चल रही है| सारे गाँव वाले खुश है, नई-नई तरह की मिठाइयाँ खाने को मिल रही है| गाँव में रमेश और रघु ज्यादा खाने वाले हैं...जिनके बीच आज मुकाबला भी होना है| उनमे आपस में बहस चल रही है कि कौन खाने में जीतेगा? रवि भईया ने चार दिनों से कुछ भी नहीं खाया है| मीना कहती है कि मुझे दावत से पहले भूखे रहने की बात अच्छी नहीं लगती....भूंखे रहने और ज्यादा खाने से बीमार पड़ सकते हैं|
वीरु काका के यहाँ लड्डू बनाये जा रहे हैं| दावत शुरू होती है.......देखते ही देखते रघु ने आठ पूड़ियाँ खा ली| रघु के पेट में गड़बड़ शुरु हो जाती हैं.....रघु ने फिर से ताल ठोंकी......अरे! ये क्या? रघु के पेट में फिर से गड़बड़......रघु को बार-बार शौच जाना पड़ रहा है|
राजू, रघु को शौच के बाद हाथ धोने को कहता है, ....केवल पानी से हाथ धोने से कीटाणु तुम्हारे अन्दर चले जायेंगे|...और उस रात रघु, राजू की एक नहीं सुनता और गंदे हाथों से जा-जाकर खाना खाता रहा|......और फिर इस बार रघु ऐसा भागा कि वापस आ ही नहीं सका|...... वीरू काका की दावत का मुकाबला अशोक जीत जाता है|
दावत के बाद से रघु स्कूल में दिखाई ही नहीं दिया| ज्यादा खाकर, भूंखे रहकर अपने शरीर को कष्ट देना समझदारी वाली बात नहीं है| मीना रघु के घर पहुँचती है.....रघु को दावत के बाद से ही पेट दर्द है.....और बुखार भी|
मीना, रघु को हाथ धोने का सही तरीका समझाती है.......हमें खाना खाने से पहले साबुन से ही, अच्छे से हाथ धोने चाहये|
आज का गीत-
धोयें हाथ बड़े बने हम
साफ हाथों में है दम|
रोज़-रोज़ की बात यही है
हर सेहत का राज़ यही है|
धोयें हाथ................
आज का खेल- ‘जादू का बक्सा’
◈ नाम सभी के इसमें बच्चों,
जब भी में कक्षा में आऊँ
साथ मेरे ये आती है|
✓ उत्तर- ‘रजिस्टर’
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