बीएड फर्जीवाड़े की एसआइटी जांच से फूली सांसें : फर्जी डिग्रीधारी शिक्षक अब जांच को लेकर परेशान
मैनपुरी: बीएड डिग्री में हुए फर्जीवाड़े कोलेकर चल रही विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांचने फर्जी डिग्रीधारियों की सांसें फुला दी हैं। जिले में ऐसे लगभग 80 शिक्षकों की खोजएसआइटी ने की है। वहीं, तीन बीएड कॉलेज भी फर्जीवाड़े की जद में आ रहे हैं। अब कॉलेज संचालक और शिक्षक बचाव की जुगत में लगे हैं।वर्ष 2005 से 2011 के बीच आगरा विश्वविद्यालय ने सैकड़ों फर्जी बीएड की डिग्रियां बांट दी थीं। इसकी जांच एसआइटी को सौंपी गई है। जिले में ऐसे करीब 80 शिक्षक जांच के दौरान सामने आए, जो यहां परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत हैं। अब इन शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
सूत्रों का कहना है कि फर्जी बीएड डिग्री जारी कराने में जिले के तीन बीएड कॉलेज भी शामिल हैं। एसआइटी इन कॉलेजों पर भी कार्रवाई कर रही है। फर्जी डिग्रीधारी शिक्षक अब जांच को लेकर परेशान हैं। बताते चलें कि वर्ष 2005 से वर्ष 2011 तक 301 शिक्षकों की नियुक्ति जिले के परिषदीय स्कूलों में की गई थी। इन सभी शिक्षकों का ब्योरा एसआइटी ने तलब किया था, जिसमें करीब 80 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली थी।
बिना परीक्षा दिला दी थी डिग्री
बीएड कॉलेजों ने बिना एडमिशन और बिना परीक्षा कराए एक लाख से लेकर डेढ़ लाख रुपये में बीएड की डिग्री बंटवाई। कॉलेज में बीएड की सौ सीटें एनसीटीई से निर्धारितथीं, लेकिन इन कॉलेजों द्वारा दो सौ से अधिकछात्र-छात्राओं की अंकतालिकाएं जारी की गई हैं।
अधिकारी कहिन-
'एसआइटी ने वर्ष 2005 से 2011 के मध्य नियुक्त शिक्षकों का डाटा मांगा था, जिसकी सीडी और हार्ड कॉपी एसआइटी को उपलब्ध करा दी गई है। इस अवधि में जिले में 301 शिक्षकनियुक्ति हुए थे।
-हरकेश यादव, बीएसए, मैनपुरी।
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