यूपी : दूरस्थ बीटीसी वाले शिक्षामित्र भी भर्ती में शामिल हो सकेंगे ।
इलाहाबाद। प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों के लिए अच्छी खबर है। वे सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल हो सकेंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूरस्थ शिक्षा माध्यम से बीटीसी ट्रेनिंग कर चुके उन शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापकों की काउंसिलिंग में शामिल होने का निर्देश दिया है। हालांकि यह भी कहा है कि काउंसिलिंग का परिणाम कोर्ट की अनुमति के बगैर जारी नहीं किया जाएगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने संभल जिले मुजम्मी हुसैन व दो अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया इन शिक्षामित्रों की मांग जायज है।
कोर्ट ने याचिका पर सभी विपक्षियों से छह सप्ताह में जवाब मांगा है और अगली सुनवाई के लिए चार जनवरी 2016 की तारीख लगाई है। याचिका के अनुसार याचियों ने बतौर शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाते हुए एनसीटीई की अनुमति हासिल करके दूरस्थ विधि से बीटीसी ट्रेनिंग पूरी कर ली है।
साथ ही आनंग कुमार यादव के मामले में हाईकोर्ट की पूर्णपीठ का फैसले का उन शिक्षामित्रों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिन्होंने एनसीटीई की अनुमति पाकर सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य ट्रेनिंग पूरी कर ली है। कहा गया कि इसके बावजूद ऐसे शिक्षामित्रों को प्राथमिक विद्यालयों के लिए चल रही काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया जा रहा है।
साभार : हिन्दुस्तान
दूरस्थ BTC ट्रेनिंग वाले शिक्षामित्रों की होगी काउंसलिंग : हालांकि परिणाम कोर्ट के फैसले के अधीन ही रहेगा
लखनऊ : एनसीटीई की अनुमति से दूरस्थ शिक्षा माध्यम में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके शिक्षा मित्रों के लिए राहत भरी खबर है। हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे शिक्षामित्र शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग में शामिल हो सकते हैं जिन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा है कि काउंसलिंग का परिणाम बिना कोर्ट की अनुमति के घोषित नहीं किया जाएगा।
संभल जिले के मुजम्मी हुसैन और दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने सभी पक्षकारों से इस मामले में जवाब भी मांगा है। याचीगण का कहना था कि वह लोग शिक्षामित्र के तौर पर काम कर रहे थे और इसी दौरान एनसीटीई की अनुमति से बीटीसी कोर्स दूरस्थ शिक्षा माध्यम से पूरा किया है।
कहा गया कि आनंद कुमार यादव केस में हाईकोर्ट की पूर्णपीठ के निर्णय का उन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिन्होंने एनसीटीई की अनुमति लेकर अध्यापक बनने की न्यूनतम अर्हता पूरी कर ली है। इसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारीगण और संबंधित बीएसए प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक की काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया मांग को सही मानते हुए याचीगण को सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल करने का आदेश दिया है मगर इसका परिणाम कोर्ट की अनुमति के बिना जारी नहीं करने को कहा है।
हाई कोर्ट ने कहा है कि शिक्षामित्र रहते हुए बीटीसी ट्रेनिंग कर चुके शिक्षामित्रों को प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती में काउंसलिंग का मौका दिया जाए। हालांकि उनके रिजल्ट कोर्ट के आदेश पर ही घोषित किए जाएंगे। इस आदेश से दो वर्ष की बीटीसी ट्रेनिंग कर चुके शिक्षामित्रों के टीचर बनने का रास्ता खुल सकता है।
साभार : एनबीटी
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