मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उनका आश्वासन और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को उनकी पार्टी के घोषणापत्र की याद दिलाने के लिए मानदेय शिक्षक शुक्रवार को राजधानी में थे। शिक्षकों ने बताया कि उनके विनियमितीकरण के लिए सरकार ने कैबिनेट प्रस्ताव बनवाया लेकिन निर्णय नहीं ले सकी।
माननदेय शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दुर्गा प्रसाद यादव व महामंत्री डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया कि सपा सरकार ने ही वर्ष 1995 व 2004 में राज्य विश्वविद्यालयों के मानदेय शिक्षकों का विनियतमितीकरण किया था। वर्ष 2002 के अपने घोषणापत्र में ही पार्टी ने इस विषय में वादा किया हुआ है। 14 दिसंबर 2006 को विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री मो. आजम खां ने सदन में गोरखपुर विश्वविद्यालय के मानदेय शिक्षकों के विनियमितीकरण का आश्वासन दिया था। तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने भी आश्वासन पूरा करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया था।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 250 मानदेय शिक्षक बचे हैं। इसमें 89 गोरखपुर विश्वविद्यालय के हैं, जिन्हें वर्ष 2011 में सेवा से बाहर कर दिया गया। इससे पहले वर्ष 2008 में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने ही विनियमितीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस पर वर्ष 2009 में सरकार ने कैबिनेट प्रस्ताव बनवाया था लेकिन सत्रावसान होने के कारण निर्णय नहीं हो पाया। इसके बाद वर्ष 2010 में आश्वासन समिति ने विश्वविद्यालय को किसी भी प्रकार की नियुक्ति प्रक्रिया न अपनाकर मानदेय शिक्षकों को उनके पदों पर बनाए रखने का आदेश दिया। बावजूद इसके विश्वविद्यालय ने मानदेय शिक्षकों को सेवामुक्त कर दिया।
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