केंद्र व राज्य कर्मियों ने मनाया काला दिवस : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ शुक्रवार को केंद्र व राज्य कर्मियों ने खोल दिया मोर्चा
जासं, इलाहाबाद : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ शुक्रवार को केंद्र व राज्य कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया। उन्होंने काली पट्टी बांधकर रोष जताया और काला दिवस मनाया।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र के आह्वान पर परिषद कार्यालय गवर्नमेंट प्रेस पर विभिन्न विभागों में भ्रमण करने के बाद तीन बजे हुई बैठक में माध्यमिक शिक्षा परिषद, गवर्नमेंट प्रेस, उच्च शिक्षा, सिंचाई, लोक निर्माण, व्यापार कर, लघु सिंचाई, उद्यान विभाग बाल विभाग, आबकारी, पशुपालन, स्वास्थ्य, रोडवेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान समेत सभी सरकारी विभाग के कर्मचारी एकत्र हुए। उन्होंने इसे काले दिवस के रूप में मनाया। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सातवें वेतन आयोग में निम्न वेतनभोगी कर्मचारियों की उपेक्षा की गई है, जबकि उच्चतर वेतनभोगी अधिकारियों को लाभ दिया जा रहा। कर्मचारियों ने मांग उठाई की उनका न्यूनतम वेतन 18,000 से बढ़ाकर 26,000 किया जाना चाहिए। पीसीडीए पेंशन आफिस में हुए प्रदर्शन में अखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ (कलकत्ता संघ) और अखिल भारतीय रक्षा लेखा संघ (केका पूना) के कर्मचारी सम्मिलित हुए। कोलकाता संघ के आल इंडिया नार्थ जोन सेक्रेटरी संध्या नवोदिता ने कहा कि जस्टिस माथुर की पूरी रिपोर्ट ही विषमता को बढ़ाने वाली है। इस दौरान राजेंद्र कुमार, संतोष शुक्ला, बशीर अहमद, प्रताप चटर्जी, केके चौधरी आदि मौजूद रहे। नार्थ सेंट्रल रेलवे इंप्लाइज संघ के पदाधिकारी शाखामंत्री रूपम पांडेय के नेतृत्व में यातायात लेखा कार्यालय गेट पर इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया। इस दौरान संगठन शाखामंत्री उमेश चंद्र, रमेश चंद्र, काजी इकबाल आदि उपस्थित रहे। आयकर विभाग में ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के सदस्यों ने काली पट्टी बांधकर दोपहर बाद प्रदर्शन किया। आइटीईएफ के जोनल सचिव दीपक कुमार ने वेतन आयोग की सिफारिशों की निंदा की। सभा में आइटीईएफ अध्यक्ष योगेश्वर राय, संतोष मालवीय, विनोद कुमार समेत आयकर कर्मचारी महासंघ वर्ग 'ग' एवं 'घ' के सभी सदस्य उपस्थित रहे। नेशनल ज्वांइट काउंसिल ऑफ एक्शन ने भी प्रदर्शन किया।
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रेलकर्मियों ने बांधी काली पट्टी
इलाहाबाद : सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट अभी लागू नहीं हुई लेकिन उसके खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया है। शुक्रवार को रेलकर्मियों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और जगह-जगह प्रदर्शन किया।
इस दौरान नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री आरडी यादव ने आयोग की संस्तुतियों की निंदा की दूसरी ओर नार्थ सेंट्रल रेलवे इंप्लाइज संघ के महामंत्री आरपी सिंह ने भी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का विरोध किया। कर्मचारियों ने डीआरएम कार्यालय के सामने वेतन आयोग की प्रतियां जलाई।
साभार : दैनिकजागरण
वेतन आयोग की रिपोर्ट से नाराज कर्मियों ने मनाया काला दिवस
लखनऊ (ब्यूरो)। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से नाराज केंद्र और राज्य के कर्मचारियों ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया। राज्य कर्मचारियों ने जहां धरना-प्रदर्शन किया वहीं केंद्रीय कर्मचारियों ने काला फीता बंाधकर कामकाज करते हुए विरोध व्यक्त किया। जीपीओ पार्क में आयोजित सभा में कर्मचारी नेताओं ने आयोग की सिफारिशों को किसी भी हालत में स्वीकार न करने की घोषणा की। कहा केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की आपत्तियों को दूर किए बगैर इसे लागू करने का फैसला किया तो गंभीर परिणाम होंगेे। कर्मचारी लड़ाई लड़ेंगे।
प्रधानमंत्री को ज्ञापन : कर्मचारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन भी भेजा। राज्य कर्मचारी महासंघ की 19 दिसंबर की बैठक में आगे की रणनीति बनाने का ऐलान किया है। कर्मचारियों ने आयोग की रिपोर्ट को अब तक गठित हुए आयोगों में सबसे खराब रिपोर्ट करार दिया। महासंघ केअध्यक्ष अजय सिंह ने आयोग की ओर से वेतन निर्धारण के आंकड़ों को गलत बताया। कहा कि निर्धारित फारमूले के आधार पर न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये होता है जबकि आयोग ने न्यूनतम वेतनमान 18 हजार ही निर्धारित किया है।
महासंघ ने यह भी घोषणा की कि अखिल भारतीय राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर देशभर के राज्य कर्मचारी आठ दिसंबर दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देंगे। महासंघ के महामंत्री बजरंगबली यादव ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कर्मचारी विरोधी बताया।
सभी जगह विरोध : उत्तर प्रदेश औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने काली पटटी बांधकर काला दिवस मनाया। अलीगंज स्थित कार्यालय गेट पर सभा को संघ के अध्यक्ष श्रीराम दोहरे ने संबोधित किया। सिचाई विभाग ड्राइंग स्टाफ एसोसिएशन ने भी विरोध दिवस मनाया ।
साभार : अमरउजाला
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