7वें वेतन आयोग के खिलाफ 20 लाख कर्मियों का हल्ला बोल आज : कर्मचारियों के संगठन होंगे आंदोलन में शामिल
√7वें वेतन आयोग के खिलाफ 20 लाख कर्मियों का हल्ला बोल आज
लखनऊ । सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से नाराज केंद्रीय और राज्य कर्मचारी शुक्रवार को केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे। 250 से ज्यादा राज्य कर्मचारियों के संगठन के साथ ही तीन लाख केंद्रीय कर्मचारी भी इस आंदोलन का हिस्सा होंगे। राज्य कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर जीपीओ पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है, जबकि केंद्रीय कर्मचारी विभागों में ही लंच आवर में सभा करके सभी कर्मचारियों को लामबंद करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध का बिगुल फूंकेंगे।
राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा है कि वह सुबह 11 से तीन बजे तक कर्मचारियों के साथ जीपीओ पर होंगे। संगठन की मांग है कि न्यूनतम वेतन 26 हजार किया जाए। इसके अलावा कर्मचारी वेतन आयोग की इस सिफारिश पर भी खुश नहीं हैं कि न्यूनतम और अधिकतम वेतन में 1:12 का अंतर हो। उनकी मांग है कि इस अंतर को कम करके 1:8 किया जाए। कर्मचारियों ने कहा है कि वे सातवें वेतन आयोग की सिफारिश से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं और अगर यही सिफारिश लागू की जाती है तो आंदोलन उग्र होगा।
...तो रेल भी होगी ठप
केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक आरके पांडेय ने कहा है कि उनके साथ करीब तीन लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं। कोई भी कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश से खुश नहीं हैं और वे इसे हर हाल में दुरुस्त कराना चाहते हैं। शुक्रवार को कर्मचारियों के विरोध की शुरुआत काला दिवस मनाकर होगी। रेलवे, आयकर, वाणिज्यकर, बैंक कर्मचारी, पोस्टल इम्प्लाइज और डाक विभाग के कर्मचारी लंच आवर में सभा करेंगे। आरके पांडेय ने कहा कि शुक्रवार का विरोध कर्मचारियों की तरफ से केंद्र सरकार को केवल चेतावनी भर है। अगर इसके बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो फिर उग्र आंदोलन होगा। ये आंदोलन रेल ठप होने तक जा सकता है।
केंद्र सरकार ने मारी डंडी
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा है कि राज्य कर्मचारियों के 200 से ज्यादा संगठनों ने शुक्रवार को आंदोलन में हिस्सेदारी की सहमति दी है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में कर्मचारियों के हक पर डंडी मारी है। कर्मचारियों को कुछ भी नहीं मिला है, जबकि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है।
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