सालभर से फंसी 2244 शिक्षकों की भर्ती : एडेड जूनियर हाईस्कूलों में मार्च 2012 से लगी रोक के कारण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर विपरीत असर पड़ रहा था
इलाहाबाद, वरिष्ठ संवाददाताअ : सरकारी सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 800 हेडमास्टरों और 1444 सहायक अध्यापकों के अलावा 528 लिपिकों की भर्ती सालभर से अधिक समय से फंसी हुई है।
इन स्कूलों की भर्ती पर 15 मार्च 2012 को लगी रोक हटाने संबंधी आदेश अफसरों ने सवा साल में दो बार जारी कर दिए, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं करा सके हैं।
एडेड जूनियर हाईस्कूलों में मार्च 2012 से लगी रोक के कारण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर विपरीत असर पड़ रहा था। प्रदेश में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई-09) लागू होने के बाद से इन स्कूलों में मानक के अनुरूप शिक्षकों की बहुत कमी हो गई थी।
तत्कालीन बेसिक शिक्षा सचिव एचएल गुप्ता ने 15 सितम्बर 2014 को इन स्कूलों में हेडमास्टर, सहायक अध्यापकों के साथ ही लिपिकों की भर्ती से रोक हटा दी थी। कुछ जिलों में इक्का-दुक्का नियुक्ति को छोड़कर अधिकांश पदों पर भर्ती नहीं हो सकी। इस बीच प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने 4 नवम्बर को इन भर्तियों पर 15 मार्च 2012 से लगी रोक हटाने का आदेश जारी कर दिया।
जिले के स्कूलों को भी नहीं मिले शिक्षक
स्कूल मैनेजमेंट व अफसरों की उदासीनता के कारण एडेड जूनियर हाईस्कूलों में भर्ती नहीं हो पा रही है। इलाहाबाद के ही 106 स्कूलों में हेडमास्टरों के 26, सहायक अध्यापकों के 51 व 20 पद खाली पड़े हुए ऐडेड
साभार : हिन्दुस्तान
ऐडेड स्कूल शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ : कार्मिक विभाग से छूट मिलने के बाद बेसिक शिक्षा महकमे ने जारी किया शासनादेश
लखनऊ : कार्मिक विभाग की ओर से सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शैक्षिक पदों पर सीधी भर्ती की छूट मिलने के बाद शासन ने निदेशक बेसिक शिक्षा को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश में सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में निर्धारित न्यूनतम मानक के आधार पर प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्तियां करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा गया है।
कार्मिक विभाग ने 15 मार्च 2012 को शासनादेश जारी कर सरकारी विभागों में भर्तियों पर रोक लगा दी थी। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुरोध पर कार्मिक विभाग ने पिछले साल बेसिक शिक्षा विभाग को सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 800, शिक्षकों के 1444 और लिपिकों के लगभग 250 पदों पर भर्ती की अनुमति दी थी। इसके बावजूद सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में बड़ी संख्या में प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के पद खाली हैं। इस पर बेसिक शिक्षा विभाग ने फिर कार्मिक विभाग से सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शैक्षिक पदों पर भर्ती की अनुमति मांगी थी।
साभार : दैनिकजागरण
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