आगरा यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों से फर्जी डिग्री बनवाने का आरोप : 2000 प्राइमरी टीचर्स की बीएड डिग्री फर्जी होने का अंदेशा
आगरा: यूपी में पिछले दिनों कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें फर्जी मार्कशीट और डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की गई। आगरा यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों से फर्जी डिग्री बनवाने के एक मामले की एसआईटी जांच में 2000 संदिग्ध फर्जी बीएड डिग्री धारक प्राइमरी टीचर्स के बारे में पता चला है।
यूपी में बीएड डिग्री स्कैम की जांच कर रही एसआईटी टीम ने पाया है कि आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हाथरस, अलीगढ़, कासगंज, एटा में आगरा की बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी से संबद्ध 30 ऐसे कॉलेज हैं जो फर्जी मार्कशीट धड़ल्ले से बना रहे हैं। इन मार्कशीट्स के आधार पर सरकारी टीचर्स के पद पर तैनाती पाई गई है। एसआईटी ने मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को बुलाया। एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक ये 30 कॉलेज लंबे समय से फर्जी डिग्री बनाने के काम में लगे हुए हैं। आरोप है कि इस काम में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की पूरी मदद मिल रही है। पिछले महीने एसआईटी ने यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी और रजिस्ट्रार समेत पांच वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में उन 400 स्टूडेंट्स का भी नाम था जिन पर फर्जी मार्कशीट बनवाने का आरोप है।
एसआईटी के सीनियर अधिकारी ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ है कि ऐसे 30 कॉलेज हैं जो फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने के काम में लगे हुए हैं। यहीं से फर्जी मार्कशीट बनवाकर कई स्टूडेंट्स सरकारी स्कूलों में टीचर्स बन गए। अभी तक ऐसे 400 बीएड डिग्री धारकों के बारे में पता चला है। यह संख्या 2000 तक पहुंच सकती है। एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक यूनिवर्सिटी के अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इससे जांच में काफी समय लग रहा है।
एसआईटी के अधिकारियों का कहना है कि जरूरत पड़ी तो बड़ी संख्या में ऐसे फर्जी डिग्री धारक टीचर्स और अधिकारियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
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