UP से दिल्ली पहुंचे शिक्षामित्र, जंतर-मंतर पर आवाज बुलंद की; 'हमारा सम्मान वापस दो', 'रोटी दो या फांसी दो' जैसे नारे लगाकर शिक्षामित्रों ने किया अपना विरोध : जंतर-मंतर पर शिक्षामित्रों का प्रदर्शन खत्म, NCTE से सफल वार्ता के बाद प्रदर्शन खत्म, NCTE ने शिक्षामित्रों से मांगा एक हफ्ते का वक्त |
शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक पद पर बरकरार रखने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र सोमवार को जंतर-मंतर पहुंचे। यूपी के तमाम जिलों से बसों-ट्रेनों से पहुंचकर शिक्षामित्रों ने अपनी आवाज बुलंद की। शिक्षामित्रों की भारी तादाद से जंतर-मंतर और आसपास इलाके की सड़कें खचाखच भर गई।
हाईकोर्ट द्वारा समायोजन रद्द करने के खिलाफ 'हमारा सम्मान वापस दो', 'रोटी दो या फांसी दो' जैसे नारे लगाकर शिक्षामित्रों ने अपना विरोध दर्ज कराया। यहां भारी संख्या में महिला शिक्षामित्रों ने भी भागीदारी की। सभी शिक्षामित्र सात अक्तूबर तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे।
यूपी में शिक्षकों के समायोजन रद्द करके उन्हें प्रवेश परीक्षा के जरिये समायोजित करने के हाईकोर्ट के फैसले के बाद से पूरे प्रदेश के शिक्षामित्रों में उबाल है। काफी दिनों से प्रदेश भर में इसके खिलाफ विरोध जारी है। शिक्षामित्र टीईटी परीक्षा से छूट देने और समायोजन में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश से तकरीबन 20 हजार से भी ज्यादा शिक्षामित्र सुबह-सुबह जंतर-मंतर पहुंच गए। दोपहर एक बजे तक जंतर-मंतर और आसपास के इलाकों की सड़कों में भीड़ से लगभग जाम की स्थिति बन गई। दूर से सफर करके आए महिला शिक्षामित्रों के कई जत्थे सड़कों पर ही बैठ गए। हाथों में तख्ती लिए नारे लिखकर ये जत्थे वहीं बैठकर विरोध जताने लगे। यहां लोग बसों और ट्रेनों से पहुंचे थे।
यहां इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, जौनपुर, बलिया, बहराइच, गोंडा, बस्ती, कानपुर, मेरठ, बिजनौर, आगरा सहित यूपी के तकरीबन सभी जिलों से शिक्षामित्रों के संगठन बसों में भरकर यहां पहुंचे। पुलिस ने यहां भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई बैरीकेडिंग लगाई थी। यहां भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी।
शिक्षामित्र महिलाएं अपने बच्चों के साथ पहुंचीं
प्रदर्शन में शामिल होने आए शिक्षामित्रों में महिला शिक्षामित्रों की संख्या तकरीबन 50 फीसदी थी। विरोध प्रदर्शन में जोर-शोर से भाग लेने पहुंची कई महिला शिक्षामित्र अपने साथ छोटे-छोटे बच्चों को भी लाई थीं। यही नहीं कई विकलांग शिक्षामित्र भी यहां पहुंचे। अमरोहा जिला से आए शिक्षामित्र यशपाल सिंह ने बताया कि हमारे साथ 1800 शिक्षा मित्र यहां आए हैं। अपने ब्लॉक से 18 बसों में भरकर तकरीबन 50 फीसदी महिलाएं आई हैं। बच्चों के साथ आई महिलाएं अपने बच्चों को भीड़ से दूर लेकर बैठी नजर आईं।
प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गए आंदोलनकारी शिक्षामित्र
थकावट और लंबे सफर के बाद जंतर मंतर पर भारी भीड़ के बीच सोमवार सुबह कई प्रदर्शनकारी बेहोश भी हो गए। इनमें से कुछ लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया, कई लोगों को पानी के छींटे डालकर होश में लाया गया। रायबरेली से प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए रामचंद्र ने बताया कि सुबह से जंतर-मंतर पर बैठे थे। तीन बजे के समय उनके साथ आए दो लोग बेहोश हो गए थे। काफी देर बाद दोनों को होश आया। यहां लोगों को उचित मात्रा में पानी भी उपलब्ध नहीं हुआ। भारी भीड़ होने के चलते लोगों को ठंडा पानी 30 से 40 रुपये में मिल रहा था। भीड़ ज्यादा होने के कारण लोग ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। शायद यही कारण रहा कि पांच आंदोलनकारी प्रदर्शन के दौरान ही बेहोश हो गए।
शिक्षामित्रों की आवाज संसद में उठाऊंगा: वरुण गांधी
जंतर-मंतर पर शिक्षामित्रों का साथ देने पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल भी पहुंचे। शिक्षामित्रों को संबोधित करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि मैं इस देश के भविष्य को उज्ज्वल देखना चाहता हूं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह शिक्षामित्रों की आवाज संसद में उठाएंगे। इसके लिए वह बोर्ड से भी मिलेंगे। साथ ही कहा कि आपको किसी नेता का नारा नहीं लगाना है। नेता आपकी ताकत को देखकर झुकेगा। आपकी ताकत समंदर की तरह है। इसलिए आप लोग शिक्षामित्र एकता जिंदाबाद का नारा लगाएं। साथ ही सोशल मीडिया पर अपनी आवाज बुलंद करें। आपको निराश नहीं होना है, मेरे जैसे लोग आपके पीछे चलेंगे। जगदंबिका पाल ने भी शिक्षामित्रों के आंदोलन को जायज ठहराते हुए उनका हर संभव साथ देने की बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों की हक की लड़ाई में वह उनके साथ हैं।
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