शिक्षक बने शिक्षामित्रों को वेतन देने के मामले पर शासन स्तर से हुआ निर्णय : राज्य सरकार ने लगाई रोक; मंगलवार से शिक्षामित्र करेंगे अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार
√प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।
√राज्य सरकार को शिक्षा मित्रों के भविष्य को लेकर कोई चिंता नहीं है।
लखनऊ : राज्य सरकार ने सहायक अध्यापक पद पर समायोजित होने वाले शिक्षा मित्रों को वेतन देने पर रोक लगा दी है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिंपल वर्मा की ओर से सोमवार को इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए।
इसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट के फैसले के तहत वेतन भुगतान अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
शासन की ओर से सोमवार को जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा दाखिल करने का फैसला किया है।
इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को निर्देश दे दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए नियमावली में संशोधन कर टीईटी से छूट दे दी थी।
दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण देकर दो चरणों में 1,35,978 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया।
हाईकोर्ट में दी गई चुनौती
हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी गई और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने टीईटी से छूट देने को गलत बताया। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर शिक्षा मित्रों का समायोजन अवैध करार देते हुए इसे रद्द कर दिया है।
शिक्षा मित्रों का आज से कार्य बहिष्कार
उत्तर प्रदेश दूरस्थ शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार को शिक्षा मित्रों के भविष्य को लेकर कोई चिंता नहीं है।
हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों का समायोजन 12 सितंबर को रद्द किया। लेकिन इसके पहले का भी सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षा मित्रों को वेतन नहीं मिला है।
जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक शिक्षा मित्रों के बारे में ऐसा निर्णय लिया जाना चाहिए था, जिससे उनका परिवार पलता रहे।
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