शिक्षामित्र प्रकरण पर न्याय विभाग ने मुख्य स्थायी अधिवक्ता को लाइल भेजकर उनसे परामर्श मांगा : टीईटी से छूट देने के मामले में मुख्य सचिव की ओर से भी एनसीटीई को पत्र भेजा जाएगा।
लखनऊ। हाई कोर्ट द्वारा समायोजन को अवैध ठहराये जाने से मझधार में फंसे शिक्षामित्रों को संकट से उबारने के मकसद से बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने नई दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरान और राज्य मंत्री राम शंकर कठेरिया से मुलाकात की।
चौधरी ने स्मृति ईरानी को हाई कोर्ट के आदेश की प्रति उपलब्ध करायी और शिक्षामित्रों के समर्थन में राज्य सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना के तहत ही परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्र नियुक्त किए गए थे। यदि शिक्षामित्रों की सेवाएं नहीं ली जातीं तो उप्र समेत कई प्रदेशों में बेसिक शिक्षा दम तोड़ रही होती। वे पिछले 16 वर्षों से पढ़ा रहे हैं और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अनुमति से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। लिहाजा शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित करने के लिए उन्हें एनसीटीई के जरिये अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट दिलाई जाए। दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें इस मामले में यथासंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है। शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के मामले में मुख्य सचिव की ओर से भी एनसीटीई को पत्र भेजा जाएगा।
उधर हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों की स्थिति जानने के मामले में न्याय विभाग ने मुख्य स्थायी अधिवक्ता को लाइल भेजकर उनसे परामर्श मांगा है।
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