शिक्षक बने शिक्षामित्र वेतन से रहेंगे वंचित : शासन के आदेश के इंतजार में विभागीय अधिकारी,असमंजस में लेखा विभाग
इलाहाबाद : आप हमसे मत पूछो हम पे सफर में क्या गुजरी, था लुटेरों का गांव, वहीं रात हुई। सहायक अध्यापक बनने वाले सैकड़ों शिक्षामित्रों की हालात बयां करने के लिए यह पंक्तियां मौजूं हैं फिलहाल। वह उस कश्ती की तरह हो गए हैं जहां लहरे तो हैं लेकिन उन्हें पार लगाने वाला माझी नहीं है। समायोजन निरस्त होने के बाद अक्टूबर माह में करीब दो हजार शिक्षामित्रों को वेतन नहीं मिलेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने अगस्त 2014 में दो हजार से अधिक शिक्षामित्रों को समायोजित कर सहायक अध्यापक बनाया था। शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन होने के बाद वेतन देने की कार्रवाई शुरू की गई। मई-जुलाई 2015 में द्वितीय समायोजन में 1105 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया। उनका वेतन दिए जाने के लिए शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराया जा रहा था। इसी दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के निर्णय को असंवैधानिक ठहरा दिया। इससे पेंच फंस गया।
12 सितंबर 2015 को आए हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने करीब दो हजार से अधिक शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त मान लिया गया है। लेखा विभाग ने वेतन देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। परिषद सचिव व शासन से कोई आदेश नहीं जारी किए जाने से उन्हें अक्टूबर माह में वेतन नहीं दिया जाएगा। लेखा विभाग को उच्च अधिकारियों के आदेश का इंतजार है।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा का इस संबंध में इतना भर कहना है कि शिक्षामित्रों के वेतन के संबंध में वह कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। शासन से आदेश प्राप्त होने के बाद ही किसी तरह की टिप्पणी कर पाना उनके लिए संभव होगा। उधर बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी विमलेश यादव कहते हैं कि सहायक अध्यापक में समायोजित दो हजार शिक्षामित्रों को अक्टूबर माह में वेतन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने माना कि विभाग असमंजस में है। कहते हैं कि उच्च अधिकारियों से निर्देश प्राप्त होने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी हालात से व्यथित और आक्रोशित हैं। कहा कि यदि अक्टूबर माह में वेतन नहीं मिलेगा तो शिक्षामित्र शैक्षिक कार्य बंद कर देंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी।
साभार : दैनिकजागरण
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