ज्ञानपुर (भदोही) : जिला मुख्यालय स्थित कैंप कार्यालय पर सोमवार को समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी पूरे रौ में दिखे। उन्होंने जहां एक ग्राम प्रधान को बर्खास्त कर दिया वहीं एक प्रधानाध्यापक के खिलाफ एफआइआर का निर्देश दिया है। इस कार्रवाई से ग्राम प्रधानों के साथ ही शिक्षा जगत में भी हलचल मच गई है। ग्राम प्रधान पर मनरेगा के खाते में 12 लाख होने के बाद भी काम न कराए जाने का आरोप है, जबकि प्रधानाध्यापक ने 20 हजार रुपये ऐंठ लिए और चहारदीवारी नहीं बनवाया।
जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी सोमवार को कैंप कार्यालय पर मनरेगा को लेकर समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान ज्ञानपुर विकास खंड के वैदाखास में मनरेगा के खाते में 12 लाख रुपये पड़ा पाया गया, जबकि यहां का काम काफी दिनों से बंद है। इस बात की जानकारी होते ही जिलाधिकारी के तेवर तल्ख हो गए। संबंधित अधिकारियों से इस बाबत पूछताछ के बाद ग्राम प्रधान को बर्खास्त करने की नोटिस जारी कर दी। उन्होंने इसके तीन सदस्यीय टीम को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके लिए दो दिनों की मोहलत दी गई है।
इसी क्रम में अभोली विकास खंड के बीरापुर ग्राम पंचायत स्थित जूनियर हाईस्कूल पर धन अवमुक्त करने के बावजूद बाउंड्रीवाल न बनाए जाने को लेकर बेहद खफा हुए। वहां के तत्कालीन प्रधानाध्यापक पर एफआईआर कराने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि प्रधानाचार्य के खाते में इसके पहले के बीएसए आरएस दूबे के समय ही 20 हजार रुपये बाउंड्रीवाल बनाने के लिए गया था लेकिन वह अब तक नहीं बन सका। इतना ही नहीं प्रधानाचार्य का वहां से तबादला भी हो चुका है। इस कार्रवाई की भनक लगते ही शिक्षा महकमे में हलचल मच गई। इसे लेकर जिले के लोगों के बीच जोरों की चर्चा है।
डीएम ने दी हिदायत
जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने आगाह किया है कि काम में लापरवाही बरतने या हेराफेरी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाया जाएगा। उन्हें किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। ऐसे लोग तुरंत अपनी कार्यप्रणाली बदल लें वरना जेल के दरवाजे उनके लिए खुले हुए हैं। शासन के पैसे का किसी भी कीमत पर बंदरबाट नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को भी तमाम हिदायत दी।
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