नई शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय संवाद : संवाद का शुभारंभ करने के बाद प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिम्पल वर्मा ने बच्चों पर भौतिक बोझ करके, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा को अधिक ध्यान देने की बात कही
इलाहाबाद (ब्यूरो)। नई शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय संवाद में आए विशेषज्ञों ने बदलते दौर में शिक्षा की बेहतरी के लिए काम करने के साथ प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बीटेक, एमबीए जैसे डिग्री धारकों के आने के बाद हुए बदलाव से लाभान्वित होने की बात कही। संवाद का शुभारंभ करने के बाद प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिम्पल वर्मा ने बच्चों पर भौतिक बोझ करके, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा को अधिक ध्यान देने की बात कही। इसके लिए नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षकों को प्रशिक्षित करने, बच्चों में राष्ट्रीयता की भावना का विकास करने के लिए एनसीसी एवं एनएसएस जैसी गतिविधियों को सम्मिलित करने, प्राचीन भारतीय भाषाओं को पठन-पाठन में शामिल करने का सुझाव दिया।
एससीईआरटी के निदेशक डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने ड्रॉप आउट बच्चों पर विशेष चिंता व्यक्त की एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नीति निर्माण पर बल दिया। सीमैट के निदेशक संजय सिन्हा ने शैक्षिक गुणवत्ता के लिए शिक्षकों में दायित्व बोध की भावना जाग्रत करने एवं अपने कर्तव्यों के निर्वहन पर बल दिया। संवाद में शामिल हुए विशेषज्ञों अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के संयोजक राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य दिव्यकांत शुक्ल ने किया। कार्यक्रम के बारे में जानकारी क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान अजमेर के मुजम्मिल हसन ने दी। एनसीईआरटी के प्रो. एके श्रीवास्तव नई शिक्षा नीति के बारे में जानकारी दी। इस संवाद में उप्र एवं उत्तराखंड के विशेषज्ञ शामिल हुए।
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