इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीनियर बेसिक स्कूलों में गणित और विज्ञान विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में चयनित और पहले से प्राइमरी स्कूल में प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में काम कर रहे अभ्यर्थियों से इस्तीफा मांगने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में छह सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 23 नवम्बर को होगी। यह आदेश जस्टिस पी.के.एस.बघेल ने नेहा यादव और 50 अन्य प्रशिक्षु शिक्षकों की याचिका पर दिया है।
याचिका में कहा गया है कि याची 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में चयनित हो गए हैं, लेकिन वह पहले से प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं। उनके मूल शैक्षिक दस्तावेज विभाग के पास जमा हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने मूल दस्तावेज वापस करने के लिए शर्त लगा दी है, जिसके अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक पद से इस्तीफा देने पर ही मूल दस्तावेज वापस होंगे। मूल दस्तावेज जमा करने के बाद ही प्रशिक्षु पद पर काम करे ये लोग सहायक अध्यापक बन सकेंगे।
कोर्ट ने इस शर्त को गलत माना और कहा कि सरकारी वकील यह बताने में विफल रहे कि किस कानून के तहत यह शर्त लगाई गई है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाती है। याचिका पर अगली सुनवाई 23 नवम्बर को होगी।
प्रशिक्षु शिक्षकों से इस्तीफा मांगने पर कोर्ट की रोक, सरकार से मांगा जवाब
साभार : नवभारतटाइम्स
गणित-विज्ञान भर्ती चयन प्रक्रिया का मामला प्रशिक्षु शिक्षकोें से इस्तीफा लेने पर रोक : हाईकोर्ट ने कहा जबरन न लिया जाए किसी से इस्तीफा
इलाहाबाद (ब्यूरो) : हाईकोर्ट ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29334 गणित-विज्ञान के सहायक अध्यापकों की भर्ती में शामिल होने वाले बेसिक स्कूल के प्रशिक्षु शिक्षकों से इस्तीफा लेने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी इस्तीफा देने पर विवश न किया जाए। नेहा यादव और 50 अन्य प्रशिक्षु शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने दिया। याची के वकील गिरीश चंद्र तिवारी का कहना था कि याचीगण 72825 सहायक अध्यापक की भर्ती में चयनित हुए हैं। अब उनका चयन 29334 गणित विज्ञान के सहायक अध्यापक पद पर भी हो गया है। मगर संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इनको काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति इस शर्त पर दे रहे हैं कि वह पहले बेसिक स्कूलों से इस्तीफा दें।
याचीगण के मूल शैक्षणिक दस्तावेज बीएसए के पास जमा हैं। यह दस्तावेज उनको इस्तीफा देने की शर्त पर ही लौटाने की बात कही जा रही है। कोर्ट ने बीएसए के आदेश को मनमाना करार है। यह भी पूछा है कि किस कानून के तहत इस प्रकार की रोक लगाई जा रही है। अदालत ने प्रदेश सरकार से छह सप्ताह से इस मामले में जवाब तलब किया है।
साभार : अमरउजाला
प्रशिक्षु शिक्षकों से जबरन इस्तीफा नहीं ले सकते : हाईकोर्ट ने कहा इस्तीफे की शर्त पर मूल रिकार्ड वापसी मनमानी
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सीनियर बेसिक स्कूलों में गणित- विज्ञान विषय के चयनित शिक्षकों को प्रशिक्षु शिक्षक पद से इस्तीफा देने के लिए विवश नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों से इस्तीफा मांगने पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 23 नवंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने नेहा यादव, पूजा, सच्चिदानंद शुक्ला व अन्य प्रशिक्षु शिक्षकों की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता गिरीश चंद्र यादव ने बहस की।
उनका कहना था कि याचीगण 72825 प्राइमरी के सहायक अध्यापकों की भर्ती में चयनित हुए हैं और प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उनके मूल शैक्षिक दस्तावेज जमा हैं। उनका चयन सीनियर बेसिक स्कूलों में 29334 गणित-विज्ञान शिक्षकों की भर्ती में भी हुआ है। इसके लिए मूल दस्तावेज जरूरी होंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने मूल दस्तावेज वापस करने के लिए प्रशिक्षु शिक्षक पद से इस्तीफा देने की शर्त लगाई है। कोर्ट ने इस शर्त को मनमाना पूर्ण माना है।
साभार : दैनिकजागरण
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