उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ में रविवार को दो फाड़ हो गए : दोनों ही गुटों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने संगठन के ही असली होने का दावा भी ठोंका
लखनऊ : उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ में रविवार को दो फाड़ हो गए। दोनों ही गुटों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने संगठन के ही असली होने का दावा भी ठोंका है। उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ के बैनर तले चारबाग स्थित रवीन्द्रालय में प्रदेश भर से प्राथमिक शिक्षक व डेलीगेट्स बुलाए गए। यहां पर एमएलसी केदार नाथ सिंह की अध्यक्षता और पर्यवेक्षक के तौर पर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय महासचिव कमलाकांत त्रिपाठी मौजूद थे। चुनाव अधिकारी के रूप में माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ. महेन्द्र नाथ राय और बेसिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक दिनेश चंद्र कनौजिया भी मौजूद रहे। यहां पर सतीश चंद्र मिश्र को प्रदेश अध्यक्ष व उमाशंकर सिंह को महामंत्री चुना गया।
उधर दूसरी ओर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में रिसालदार पार्क में स्थित शिक्षक भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें बागी शिक्षकों पर कार्रवाई की गई और दूसरे खेमे के अध्यक्ष बने सतीश चंद्र मिश्र को छह साल के लिए संघ से निष्कासित कर दिया गया। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने रिसालदार पार्क में आयोजित बैठक में दूसरे गुट को पूरी तरह अवैध बताया। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन ही असली है अगर दूसरे गुट में इतनी हिम्मत होती तो वह संघ के असली कार्यालय जहां पर हम बैठक कर रहे हैं वहां पर कार्यक्रम आयोजित करता है।
वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के ही प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा है कि उनके संघ को ही मान्यता है। रवींद्रालय में जिस संघ का चुनाव हुआ है उसे मान्यता प्राप्त नहीं है। सतीश चंद्र मिश्र को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 24 अक्तूबर को कालीचरण डिग्री कॉलेज में सतीश चंद्र मिश्र आदि बैठक कर चुनाव कराना चाहते थे, जिसे जिला प्रशासन ने रोक दिया था। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की शिक्षक भवन रिसालदार पार्क में बैठक हुई जिसमें प्रदेशभर से आए पदाधिकारियों ने सतीश चंद्र मिश्र के निष्कासन का प्रस्ताव सर्वसम्मति से एक बार फिर पास किया गया।
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