लखनऊ (ब्यूरो)। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि किशोरी सुरक्षा योजना में सरकारी व परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाली कक्षा छह से इंटर तक की छात्राओं को मुफ्त सेनेटरी नैपकिंस बांटने की योजना शुरू की जाए। मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी इसमें मुख्य भूमिका निभाएंगे। मुख्य सचिव ने डीएम को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि किशोरावस्था में हार्मोन के बदलाव से शारीरिक व मानसिक स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव तथा उत्पन्न होने वाली जिज्ञासाओं के बारे में संकोच से 40% किशोरियां स्कूल जाना छोड़ देती हैं। किशोरियों को मुफ्त सेनेटरी नैपकिंस देकर उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया जाए। कक्षा छह से इंटर तक पंजीकृत छात्राओं की संख्या के आधार पर सेनेटरी नैपकिंस खरीदकर शिक्षिकाओं के माध्यम से बंटवाया जाएगा।
लखनऊ : सरकारी स्कूलों में अगले माह से मुफ्त सेनेटरी नैपकिन बांटने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए शासन ने बीस करोड़ रुपये जारी कर बीएसए व डीआइओएस को इसका जिम्मा सौंपा है।
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, बेसिक शिक्षा अधिकारियों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि किशोरी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाली किशोरियों को मुफ्त सेनेटरी नैपकिन बांटना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि किशोरियों में माहवारी से जुड़ी गलत धारणाओं एवं मिथकों को दूर करने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जानकारी प्रदान की जाए। किशोरावस्था में शरीर में हो रहे हार्मोन संबंधी बदलाव के कारण शारीरिक एवं मानसिक स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव एवं विभिन्न जिज्ञासाओं के बारे में सही जानकारी न प्राप्त कर पाने के कारण 40 प्रतिशत किशोरियां स्कूल जाना छोड़ देती हैं। इस स्थिति को हर हाल में रोका जाना चाहिए।
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