नई दिल्ली : सरकारी कर्मचारियों को त्यौहार के मौसम में खुशियां का 'बोनस' मिल गया है। केंद्र सरकार ने बोनस की गणना के लिए मासिक वेतन की अधिकतम सीमा 3,500 से बढ़ाकर 7,000 रुपए प्रति महीना करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे संबंधित संशोधन विधेयक संसद में प्रस्तुत किया जाएगा।
बोनस एक्ट 1965 के तहत अब तक 10 हजार रुपये तक का वेतन पाने वाले कर्मचारियों को ही 3500 रुपये तक का बोनस दिए जाने का प्रावधान है लेकिन नए प्रस्ताव के तहत इस सीमा को 10 हजार से बढ़ाकर 21 हजार करने की सिफारिश की गई है। संशोधित प्रावधन को एक अप्रैल 2015 से प्रभावी बनाने का प्रस्ताव है और इसे संसद में रखा जाएगा।
3500 नहीं 7 हज़ार हो गई है सीमा...
यह बोनस कानून उन सभी संस्थानों पर लागू होता है जहां 20 से ज्यादा लोग काम करते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक के बाद एक सूत्र ने कहा 'केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बोनस आकलन की अधिकतम सीमा 3,500 रुपये से बढ़ाकर 7,000 प्रति महीना किए जाने को लेकर बोनस भुगतान (संशोधन) विधेयक 2015 को मंजूरी दे दी है।'
इसे ऐसे समझा जाए कि फिलहाल किसी कर्मचारी का वेतन 3500 रुपए प्रति महीना से ज्यादा हो तब भी उसके न्यूनतम बोनस की गणना 3,500 रुपए के आधार पर ही की जाती है। लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर 7 हज़ार रुपए कर दिया गया है।
केंद्रीय श्रमिक संगठन के 2 सितंबर को हड़ताल करने के बाद केंद्र ने बोनस की पात्रता के लिए वेतन सीमा और बोनस आकलन के आधार को बढ़ाने का आश्वासन दिया था।
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