इलाहाबाद। आखिरकार प्रशिक्षु शिक्षकों को आंदोलन खत्म करने का निर्णय लेना ही पड़ा। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने प्रशिक्षुओं से साफ कह दिया कि 10 नवंबर के पहले उनकी मौलिक नियुक्ति नहीं करा सकते, अब जारी आदेश में कोई संशोधन नहीं होगा। प्रशिक्षु शिक्षकों ने दिन भर गरजने के बाद शाम को आंदोलन खत्म करने का निर्णय लिया। हालांकि कार्य बहिष्कार पर वह अब भी अड़े हैं। उनका कहना है कि वे सहायक अध्यापक बनने के बाद ही स्कूलों में पढ़ाएंगे।
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में तैनाती पाने वाले 43 हजार प्रशिक्षु शिक्षक प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन परीक्षा पास करने के बाद मौलिक नियुक्ति के लिए दबाव बनाए थे। इसके लिए सोमवार से शिक्षा निदेशालय में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के सामने कार्य बहिष्कार कर बेमियादी धरने पर बैठे थे। यहां प्रदेश भर के प्रशिक्षु पहुंचे व तीन दिन बाद बुधवार दोपहर बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद सिन्हा ने मौलिक नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया। इसमें 25 अक्टूबर तक जिलों में विज्ञप्ति जारी करने एवं 10 नवंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। इस आदेश के बाद भी प्रशिक्षु शिक्षकों ने एलान किया उनका धरना कार्य बहिष्कार जारी रहेगा, क्योंकि नियुक्ति की समयावधि काफी अधिक रखी गई है इसे घटाकर 31 अक्टूबर किया जाए।
इसी आधार पर गुरुवार को भी निदेशालय में प्रशिक्षु शिक्षकों का धरना दिन भर चला और इस दौरान सचिव बेसिक शिक्षा परिषद पर समयावधि घटाने के लिए दबाव बनाया गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया। आखिरकार प्रशिक्षु शिक्षकों ने धरना खत्म करने का निर्णय लिया, लेकिन स्कूलों में पढ़ाने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। इसके लिए जिला संघर्ष समिति आगे निर्णय लें। शिक्षक बनने के बाद ही स्कूलों में पढ़ाएंगे। साथ ही विज्ञप्ति जारी करने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर दबाव बनाया जाएगा।
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