अस्थायी शिक्षकों को राहत की आस : देश में 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त लगभग साढ़े सात लाख अस्थायी शिक्षकों के लिए योजना बनाकर राहत देने के संकेत मिले
शिमला : नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) व मानव संसाधन मंत्रालय ने अस्थायी शिक्षकों को राहत देने के संकेत दिए हैं।अखिल भारतीय अस्थायी अध्यापक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील चौहान, राष्ट्रीय प्रवक्ता कौशल कुमार व प्राथमिक सहायक अध्यापक (पैट) संघ के प्रदेश प्रवक्ता चंदन नेगी ने संयुक्त बयान में बताया कि अस्थायी शिक्षकों से संबंधित फाइल केंद्र सरकार ने विधि विभागको भेज दी है। देश में 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त लगभग साढ़े सात लाख अस्थायी शिक्षकों के लिए योजना बनाकर राहत देने के संकेत मिले हैं। इससे देश के साढ़े सात लाख अस्थायी शिक्षकों को राहत मिलेगी।
सुनील चौहान ने कहा कि इससे हिमाचल के 3382 पैट के नियमितीकरण का रास्ता भी साफ हो गया है। देश में करीब साढ़े सात लाख अस्थायी शिक्षक नियमितीकरण के लिए तरस रहे हैं जिन्हें 12 वर्ष से अधिक समय सेवाएं देते हो गया है। इन शिक्षकों पर शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के नियमों को जबरन थोपा जा रहा है। डेढ़ दशक से ये शिक्षक नियमितीकरण के लिए तरस रहे हैं।
इस मामले में वह नई दिल्ली में मानव संसाधन मंत्रालय व एनसीटीई के संपर्क मेंहैं। आरटीई एक्ट से पहले नियुक्त हुए अध्यापकों पर आरटीई के नियमों को लागू करना गलत है।
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