गुणवत्ता की फिक्र : अगले शैक्षिक सत्र से पढ़ाई शुरू करने का इरादा, 2017 से आवासीय विद्यालय में तब्दील होंगे ये स्कूल, हर मंडल में एक सरकारी मॉडल स्कूल
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सूबे में बनाए गए 191 मॉडल स्कूलों को सार्वजनिक
निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर चलाने का फैसला कर चुकी राज्य
सरकार प्रत्येक मंडल मुख्यालय में एक मॉडल स्कूल का संचालन खुद करेगी।
सरकार ऐसा करके हर मंडल में एक मॉडल स्कूल को अभिनव विद्यालय और
शिक्षा के क्षेत्र में ग्रोथ सेंटर के तौर पर प्रोजेक्ट करना चाहती है। शासन स्तर
पर इस बारे में सहमति बनने के बाद प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है जिसे जल्द
ही उच्च स्तर से मंजूरी दिलाई जाएगी।1सरकार की ओर से चलाये जाने वाले इन
मॉडल स्कूलों में अगले शैक्षिक सत्र से पढ़ाई शुरू करने की योजना है। इन स्कूलों
को पहले चरण में छठवीं से बारहवीं कक्षा तक सीबीएसई बोर्ड से संबद्धता के
आधार पर संचालित किया जाएगा। स्कूलों में कला, विज्ञान और कॉमर्स
वर्गो के पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। इनमें हंिदूी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में
पढ़ाई होगी। मॉडल स्कूलों को स्मार्ट क्लासरूम से लैस करने की मंशा है ताकि
छात्र-छात्रओं को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से पढ़ाया जा सके। कक्षा
नौ से बारहवीं तक के बच्चों को दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया
जाएगा। प्रवेश परीक्षा में उस मंडल मुख्यालय के छात्र भाग ले सकेंगे।1इन मॉडल
स्कूलों में पहली अप्रैल 2016 से शुरू होने वाले पहले शैक्षिक सत्र में सभी
विद्यार्थी दिवा छात्र (डे स्कॉलर) के तौर पर प्रवेश पाएंगे।
वहीं पहली अप्रैल 2017 से शुरू होने वाले शैक्षिक सत्र में इन सभी स्कूलों को आवासीय विद्यालय में तब्दील करने की योजना है। इसके लिए इन मॉडल स्कूलों में छात्रवास बनाये
जाएंगे। छात्रवासों के निर्माण के लिए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में धनराशि
का इंतजाम किया जाएगा।
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