यूपी में शिक्षामित्रों का वेतन रोकने का 19 अक्टूबर 2015 का आदेश स्थगित : अवमानना से बचने के लिए जारी हुआ था आदेश - प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा
राज्य मुख्यालय : सहायक अध्यापक बन चुके 1.30 लाख शिक्षामित्रों का वेतन रोकने संबंधी आदेश पर भारी विरोध के बाद रोक लगा दी गई है। यूपी बेसिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा ने कहा कि शिक्षामित्रों के वेतन संबंधी मामले में न्याय विभाग की विधिक राय मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक 1.30 लाख शिक्षामित्र सहायक अध्यापक बन चुके हैं। इस आदेश के बाद शिक्षामित्रों ने कार्य बहिष्कार वापस लेने की घोषणा की है।
अवमानना से बचने के लिए जारी हुआ था आदेश
न्यायालय की अवमानना से बचने के लिए सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापक बन चुके शिक्षामित्रों के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। हालांकि यह केवल कागजी कार्रवाई थी क्योंकि शिक्षक बन चुके शिक्षामित्रों को किसी भी जिले में सितम्बर का वेतन जारी नहीं किया गया था। लेकिन इस आदेश के बाद ही जिलों में सरकार के खिलाफ भारी प्रदर्शन शुरू हो गए। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय में कई बैठकों के दौर चले और देर शाम वेतन रोकने संबंधी शासनादेश स्थगित करने का आदेश दिया गया। न्याय विभाग की राय के बाद ही अगला आदेश जारी किया जाएगा।
वेतन मिलने की उम्मीद कम
इसके बाद भी शिक्षामित्रों को वेतन मिलने की उम्मीद न के बराबर है क्योंकि 12 सितम्बर को हाईकोर्ट शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध करार देते हुए रद्द करने का आदेश दे चुका है। यदि शिक्षामित्रों का वेतन जारी किया जाता है तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा। सहायक अध्यापक बन चुके शिक्षामित्रों को लगभग 30 हजार रुपये वेतन के तौर पर मिल रहे थे।
शिक्षामित्रों से धैर्य रखने की अपील
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही और उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। इन नेताओं ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद का रुख सकारात्मक है। यूपी सरकार केन्द्र सरकार के साथ बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने की पुरजोर कोशिश कर रही है। उम्मीद है कि शिक्षामित्रों को बिना टीईटी समायोजित करने की छूट एनसीटीई देगा। उन्होंने अपील की है कि राज्य सरकार पूरी तरह शिक्षामित्रों के साथ है। लिहाजा शिक्षामित्र सरकार का साथ दें। सरकार के खिलाफ मोर्चा न खोलें और धैर्य बनाए रखें।
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