प्राइमरी स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में बीएलएड (बैचलर इन एलीमेंटरी एजुकेशन) कोर्स का पेच फंसा : चयन प्रक्रिया में बदलाव के बिना बीएलएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों की नियुक्ति संभव नहीं
इलाहाबाद। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में बीएलएड (बैचलर इन एलीमेंटरी एजुकेशन) कोर्स का पेच फंस गया है। इस समस्या के कारण फिलहाल भर्ती प्रक्रिया फंसती नजर आ रही है।
दरअसल 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में अवसर नहीं मिलने पर बीएलएड डिग्रीधारियों ने हाईकोर्ट में मुकदमा किया था। जिस पर कोर्ट ने 26 फरवरी 2014 को सरकार को इन डिग्रीधारियों को शामिल किए जाने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की जो खारिज हो गई। अब हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, 15 हजार की भर्ती में बीएलएड डिग्रीधारियों से भी ऑनलाइन आवेदन लेना है। समस्या यह है कि बीएलएड 12वीं के बाद चार साल का इंटीग्रेटेड कोर्स है।
जबकि 15 हजार शिक्षकों की जो नियुक्ति होनी है, उसमें मेरिट निर्धारण के लिए स्नातक और प्रशिक्षण (बीएड, बीटीसी आदि) के नंबर अलग-अलग जोड़े जाने हैं। जबकि बीएलएड में स्नातक और प्रशिक्षण दोनों के नंबर एक साथ है।
अब यदि भर्ती पूरी करनी है तो चयन प्रक्रिया की मेरिट निर्धारण के प्रावधान में परिवर्तन करना होगा। इससे पूर्व हाईकोर्ट के निर्देश पर डीएड स्पेशल एजुकेशन डिग्रीधारियों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से चयन प्रक्रिया में संशोधन संबंधी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। क्योंकि चयन प्रक्रिया में बदलाव के बिना बीएलएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों की नियुक्ति संभव नहीं हो सकेगी।
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