स्कूल से छूटे छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देकर विद्यालयों में उनका नामांकन कराने में हीलाहवाली : नहीं तो रुकेगा विशेष प्रशिक्षकों को वेतन भुगतान
लखनऊ : स्कूल से छूटे छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देकर विद्यालयों में उनका नामांकन कराने में हीलाहवाली अब नहीं चलेगी। ऐसे बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देकर स्कूलों में उनका नाम लिखाने में लापरवाही पर लगाम कसने के लिए सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना को माध्यम बनाया है।
शिक्षा के अधिकार कानून के तहत स्कूल से छूटे छह साल से अधिक और 14 वर्ष तक के बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देकर उनकी आयु के अनुरूप कक्षा में दाखिला दिलाने की व्यवस्था है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इसमें लापरवाही बरती जाती है। वहीं समाजवादी पेंशन योजना के तहत लाभ पाने वाले परिवारों में स्कूल से छूटे इस आयु वर्ग के बच्चों का स्कूल में अनिवार्य नामांकन कराने की शर्त है। योजना का लाभ पाने वाले परिवारों में स्कूल से छूटे ऐसे 21 हजार बच्चे पाये गए हैं। मुख्य सचिव आलोक रंजन की ओर से जारी शासनादेश में ऐसे बच्चों का स्कूल में नामांकन और कक्षा की जानकारी नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर की ओर से विकसित किये वेबपोर्टल पर ‘नामांकन मॉड्यूल’ में दर्ज करने के निर्देश दिये गए हैं।
शासनादेश में कहा गया है कि सात वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे बच्चों का सर्व शिक्षा अभियान के तहत संचालित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंजीकरण कराकर उन्हें विशेष ट्रेनिंग दिलायी जाए। इन बच्चों को कब से विशेष प्रशिक्षण किस विशेष प्रशिक्षक की ओर से उपलब्ध कराया जा रहा है, इसका विवरण नामांकन मॉड्यूल पर ऑनलाइन दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी नामांकन मॉड्यूल में दर्ज की गई इस सूचना को अपने डिजिटल सिग्नेचर से सत्यापित करेंगे। ऐसा होने पर ही विशेष प्रशिक्षक के अक्टूबर के वेतन का भुगतान किया जाएगा। जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल से बाहर पाये गए सभी बच्चों का नामांकन स्कूलों में किया जा चुका है और नामांकन मॉड्यूल में इसकी सूचना दर्ज की जा चुकी है।
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