तो घट जाएंगी बीएड़ की 1.16 लाख सीटें : सत्र 2016-17 से सिर्फ एक यूनिट (50 सीट) की मान्यता दी जाएगी।
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) के भूमि, भवन और शिक्षकों की नियुक्ति का मानक पूरा करने में नाकाम यूपी के अलग-अलग बीएड कॉलेजों की करीब एक लाख 16 हजार सीटें कम हो सकती हैं।
यह मानक 31 अक्तूबर तक पूरा किया जाना था लेकिन ज्यादातर कॉलेजों के मानक अधूरे हैं। इस सूची में छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कैंपस और उससे संबद्ध डिग्री कॉलेजों के नाम भी हैं।
टीचिंग एजूकेशन को प्रभावी बनाने और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बीएड की मान्यता यूनिट (सीटें) कम कर दी गई हैं। सत्र 2016-17 से सिर्फ एक यूनिट (50 सीट) की मान्यता दी जाएगी।
एक यूनिट पर सात शिक्षक और दो यूनिट (100 सीट) पर 16 शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी। कॉलेज की भूमि, भवन, लैब, लाइब्रेरी, कॉमन रूम का मानक भी 31 अक्तूबर तक दुरुस्त करना था। इसके बावजूद कॉलेजों ने मानक सुधार की प्रक्रिया नहीं शुरू की।
इसकी पुष्टि एनसीटीई के चेयरमैन प्रो. संतोष पांडा ने भी की है। चेयरमैन का कहना है कि यूपी सहित देश के अन्य राज्यों के बीएड कॉलेजों को मानक पूरा करना था। यूपी में 1200 कॉलेजों की करीब एक लाख 41 हजार सीटें हैं।
मानक ठीक नहीं हुआ तो यूपी में एक लाख 16 हजार सीटों की मान्यता खत्म हो जाएगी। 25 हजार सीटों की मान्यता रह जाएगी। ऐसा हुआ तो 2016-17 से बीएड की 25 हजार सीटें ही भरी जा सकेंगी।
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