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मीना की दुनिया (Meena Ki Duniya) का रेडियो प्रसारण का दूसरा भाग प्रसारण तिथि 2 सितम्बर 2015 : आज की कहानी का शीर्षक, आशा की अम्मा, समय : 11:15am से 11:30am

मीना की दुनिया का रेडियो प्रसारण का दूसरा भाग प्रसारण तिथि 2 सितम्बर 2015 : आज की कहानी का शीर्षक, आशा की अम्मा, समय : 11:15am से 11:30am

आज की कहानी का शीर्षक : आशा की अम्मा

आशा कक्षा सात की छात्रा थी । वह लगभग एक हफ्ते से स्कूल नहीं आ रही थी । मास्साब हाजिरी लेते समय बच्चों से आशा के बारे में जरूर पूछते ।किसी ने बताया कि आशा आजकल बीमार चल रही है ।मास्साब समयाभाव के कारण आशा को देखने नहीं जा पा रहे थे  ।एक दिन मास्साब को हाजिरी लेने के बाद आशा का ख्याल आ गया । इसलिए उन्होंने मीना को बुलाया और बोले -मीना तुम आशा के घर चली जाओ और पता लगाओ कि उसकी तबीयत अब कैसी है ? मीना ख़ुशी-ख़ुशी जाने को तैयार हो गई ,किन्तु वह मास्साब से बोली- मैं आशा की घर नहीं देखी हूं ।तभी उसका भाई राजू बोला -मैं जानता हूँ ।इसलिए मास्साब ने दोनों को आशा के यहाँ जाने की इजाजत दे दी । मीना और राजू संग मिट्ठू भी आशा के घर चल दिया ।


आशा घर पर बर्तन  मांज रही थी  ।मीना और राजू  आशा को बर्तन मांजते हुए देखकर हैरान हो गए ।मीना बोली- आशा तुम्हारी तबीयत .....तो ख़राब चल रही थी ।फिर यह बर्तनों का ढेर । 
बर्तनों का ढेर । बर्तनों का ढेर ।- मिट्ठू रटने लगा ।चुपकर मिट्ठू -मीना बोली ।
उसकी तबीयत ठीक है -उसकी अम्मा बोलीमाताजी तब आशा को स्कूल क्यों नहीं भेजती हैं ?-राजू बोला  ।क्योंकि आशा अब सयानी हो गई है कोई बच्ची नहीं रही ।वैसे भी रास्ते में कोई मनचला छेड़ दे तो ।ना बा ना मेरी आशा को जितना पढ़ना था पढ़ ली अब वह स्कूल नहीं जायेगी । कुछ दिनों में एक अच्छा घर देखकर उसके हाथ पीले कर दूँगी- आशा की अम्मा ने कहा ।

पीले कर दूँगी । पीले कर दूँगी ।-मिट्ठू बोलने लगा ।चुपकर मिट्ठू -मीना बोली ।
मीना आशा की अम्मा को समझाना चाहती थी, किन्तु माहौल ठीक न देखकर वह उसकी अम्मा को स्कूल में आने की बात कहकर ,राजू संग स्कूल वापस चली आई ।मिट्ठू भी मौजमस्ती करते हुए पीछे-पीछे उड़ता चला आया ।
वापस लौटकर मीना और राजू ने मास्साब से आशा की अम्मा की सारी बात बताई ।अच्छा तो ये बात है इसलिए आशा की अम्मा उसे स्कूल नहीं भेज रही हैं -मास्साब ने मीना और राजू से कहा ।

अगले दिन मास्साब ने प्रार्थना के बाद बच्चों से कहा कि अब बालिकाएं भी आत्मरक्षा की गुण सीखेगी । कल से बालिकाओं को जूडो-कराटे सीखाने के लिए एक महिला प्रशिक्षक आ जायेगी ।सभी बच्चे ख़ुशी से झूम उठते है ।
अब तो आशा जरूर स्कूल आएगी -मिट्ठू ने कहा ।हाँ मिट्ठू जरूर आएगी -मीना ने कहा ।तभी आशा की अम्मा स्कूल में आती है , और मास्साब उसे समझाने लगते है -

देखो आशा की अम्मा आशा को स्कूल बराबर भेजा करो ।अभी आशा की पढ़ने की उम्र है और अच्छी बात यह है कि कल से बेटियों को आत्मरक्षा का गुण सीखाने एक महिला प्रशिक्षक आएगी ।जो बालिकाओं को जूडो-कराटे सिखाएगी ।जिससे बच्चियां अपनी रक्षा स्वयं कर सकेगी ।जब  आशा पढ़ी-लिखी रहेगी तभी वह ब्याह के बाद अपना घर अच्छे से चलाएगी साथ ही बच्चों का भी परवरिश ठीक से कर लेगी ।इसलिए उसे घर रोककर उसका जीवन गर्त में मत डालो । आशा की अम्मा जैसे ही स्कूल से निकली और पशोपेश में थी कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ,तभी एक चोर ने आशा की अम्मा का बटुआ ले भागा । वह चिल्लाई -  चोर- चोर पकड़ो ।मीना और राजू दौड़ पड़ते है ।मिट्ठू चोर को आगे से घेरता है तब तक मीना अपने कराटे से चोर को चित कर देती है ।राजू बटुआ छीन लेता है ।
आशा की अम्मा यह देख हतप्रभ थी ।
तभी मिट्ठू बोला -

मीना   के   नाते    बटुआ  मिल गई ।

आशा  की अम्मा की आँखे खुल गई ।।

अब आशा स्कूल जरूर आएगी । खूब पढ़ेगी और बढ़ेगी -आशा की अम्मा ने कहा ।

आज का गीत:-

आज का खेल:-

साभार:- योगेन्द्र प्रताप मौर्य प्रा.वि.मंगरा बरसठी ,जौनपुर  मो. 9454931667
(नोट:-आज भी आकाशवाणी के अधिकतर केंद्रों से प्रसारण न होने के कारण आज के एपिसोड का विस्तृत विवरण दिया जा पाना संभव नहीं हो पा रहा है।

आकाशवाणी केंद्र  से संपर्क करने पर पता चला कि लखनऊ से कोई आदेश/निर्देश/ सूचित न किये जाने के कारण प्रसारण किया जा पाना सम्भव नही हो पा रहा है।

कृपया प्रसारण मेकगुड होने तक धैर्य बनाये रखें।

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