महिला शक्ति को सशक्त बनाने के लिए अब स्कूल टाइम से ही उन्हें सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाए जाएंगे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इसके लिए सभी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कक्षा एक से दसवीं तक की छात्राओं को लोकल पुलिस की सहायता से सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग दी जाएगी। सीबीएसई के अधिकारी डीटी सुदर्शन राव के मुताबिक बच्चों की सुरक्षा और इसके प्रति जागरूकता भी स्कूलों की जिम्मेदारी होगी। छात्राओं को इसके लिए बचपन से ही सुदृढ़ बनाया जाएगा। इसके तहत टर्म 1 और टर्म 2 की शुरुआत के साथ ही कक्षा 10 तक की छात्राओं को एक सप्ताह की स्पेशल सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग देनी होगी। इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी या गेम्स पीरियड में भी छात्राओं को प्रतिदिन 40 से 45 मिनट की सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग दी जाएगी। इस संबंध में सभी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वह गेम्स पीरियड में बच्चियों की ट्रेनिंग के लिए व्यवस्था करें। खास बात यह है कि जिन खेलों के लिए अलग से किसी इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं है, उन्हें भी इस सेल्फ डिफेंस का हिस्सा बनाया जा सकता है। स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे नजदीकी पुलिस स्टेशन की मदद से छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दिलाएं। कक्षावार दी जाएगी ट्रेनिंग सेल्फ डिफेंस के तहत छात्राओं को न केवल किसी हमले से बचने की सीख दी जाएगी, बल्कि दुश्मन को मात देने के गुर भी सिखाए जाएंगे। दून इंटरनेशनल स्कूल के उप प्राचार्य दिनेश बड़थ्वाल के मुताबिक छात्राओं को कक्षावार यह सीख दी जाएगी। इसमें कक्षा एक की छात्रा को उसकी उम्र के हिसाब से सेल्फ डिफेंस के तरीके बताए जाएंगे और कक्षा 10 की छात्राओं को उनके हिसाब से। इसमें कराटे से लेकर कुंगफू तक शामिल है।
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